बागेश्वर सरकार से मिलने पहुंचे कमलनाथ छतरपुर। बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ को भले ही कुछ भी कहा जाए. मगर अब साल चुनावी है तो इसे देखते हुए मध्य प्रदेश की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी भी मत्था टेकने पहुंचने लगे हैं. एमपी कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट कमलनाथ आज बागेश्वर सरकार के पास मुलाकात के लिए पहुंचे. कहा तो यह भी जा रहा है कि कमलनाथ के बाद अब विकास यात्रा लेकर CM शिवराज सिंह चौहान भी जल्द यहां आ सकते हैं. (Kamalnath Meets Bageshwar Dhirendra Shashtri)
भारत संविधान से चलता है-कमलनाथ:पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज दर्शन के लिए बागेश्वर धाम पहुंचे जहां उन्होंने धाम में विराजमान भगवान हनुमान के दर्शन किए और उसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात की, कुछ समय बागेश्वर धाम में बिताया. हिंदू राष्ट्र के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि "भारत संविधान से चलता है बाबा साहब ने सबके लिए संविधान लिखा है और देश उसी से चलेगा".
Bageshwar Dham Sarkar: पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मांग, भारत को बनाएं हिंदू राष्ट्र
सॉफ्ट हिंदुत्व ने नजर आए कमलनाथ: बागेश्वर धाम पहुंचे कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व में नजर आए. माथे पर त्रिपुंड एवं गले में पीला गमछा डाले हुए उन्होंने भगवान हनुमान की पूजा अर्चना की और उसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्र से मुलाकात करते हुए बागेश्वर धाम से पन्ना के लिए रवाना हो गए. इस बीच कांग्रेस के कई नेता एवं विधायक उनके साथ मौजूद थे. बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, इसी मांग को लेकर जब पत्रकारों ने कमलनाथ से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ''भारत संविधान से चलता है और बाबा साहब ने जो संविधान लिखा था वह सभी के लिए है''.
अचानक कमलनाथ क्यों पहुंचे बागेश्वर धाम: एमपी में बागेश्वर धाम मंदिर में 13 फरवरी से लेकर 19 फरवरी तक धर्म महाकुंभ कार्यक्रम हो रहा है. जाहिर तौर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है. इसमें शिरकत करने देश के कई ख्यात कथावाचक भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में कोई भी दल के लिए इतना बड़ा मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहता. धीरेंद्र शास्त्री इस धर्म महाकुंभ का बागेश्वर धाम में आयोजन कर रहे हैं. यही कारण है कि BJP हो या फिर कांग्रेस दोनों के शिर्ष नेता यहां पर हाजरी लगाने पहुंचने लगे हैं. कमलनाथ के बाद अब यहां आने की अगली बारी CM शिवराज की है. क्योंकि दोनों ही पार्टियां हिंदुत्व को अपने पाले से निकलने का रिस्क नहीं ले सकतीं.
देश भर में बागेश्वर धाम की चर्चा:छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम है और यह आजकल ना सिर्फ एमपी बल्की देश भर में चर्चा में है. यहां आज कमलनाथ पहुंचे तो लोगों की भीड़ लग गई. कमलनाथ लाव लश्कर के साथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास पहुंचे और दोनों में काफी देर तक मुलाकार चलती रही. माना जा रहा है कि चुनावी दिनों में एमपी में बाबा और साधु संतों की पूछ परख ना सिर्फ सत्ता पक्ष बल्की विपक्ष के खेमें में भी रहेगी. बागेश्वर धाम में लगने वाले दरबार में कांग्रेस के दिग्गज नेता के पहुंचने और मेल मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से पूर्व CM कमलनाथ की मुलाकात के कयास पहले से भी लगाए जा रहे थे. मगर आज जब वो पहुंचे तो इससे सियासी पारा और चढ़ गया.
Bageshwar Dham Sarkar : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर पर हाजिरी लगाएंगे कमलनाथ
बीजेपी का बाबा के कैंप में होना वजह: बागेश्वर धाम मंदिर के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को लोग चमत्कारी बाबा भी मानते है और भारी तादाद में उनके पास पहुंचते हैं. वो लोगों की परेशानी पर्ची निकाल कर दूर करने का दावा करते हैं. ऐसे में जबकि लाखों की तादाद में बाबा के भक्त मध्य प्रदेश में हैं और ग्वालियर चंबर रीजन में पहले से ही कांग्रेस मजबूत स्थिति में है लिहाजा बागेश्वर के खिलाफ किए गए कांग्रेसी नेताओं की बयानबाजी से पार्टी के वोटबैंक में कमी ना आए और लोग कांग्रेस से जुड़े रहें इसी से जोड़कर और डैमेज कंट्रोल के तहत कमलनाथ का दौरा देखा जा रहा है. पहले भी बीजेपी के कद्दावर नेता और गृहमंत्री नरोत्तम मित्रा से लेकर नीतिन गड़करी तक बागेश्वर सरकार से मुलाकात करते रहे हैं और किसी भी तरह की प्रतिकूल बयानबाजी से बचते रहे हैं. अब जबकि धर्म महाकुंभ हो रहै है ऐसे में CM शिवराज से लेकर बीजेपी के कई आला नेता धीरेंद्र शास्त्री के धर्म महाकुंभ में भाग लेंगे, ऐसा माना जा रहा है. लिहाजा कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहती.
कांग्रेस बागेश्वर को लेकर रही है हमलावर: अब तक बागेश्वर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जिसमें गोविंद सिंह भी शामिल हैं काफी बयानबाजी करते रहे हैं. ऐसे में कमलनाथ का बागेश्वर दरबार में आना बड़ा मायने रखता है. पार्टी के नेताओं को पहले ही ताकीद दी जा चुकी है कि वो बेवजह धार्मिक गुरुओं और संतों के खिलाफ बयानबाजी ना करें. कमलनाथ की बागेश्वर धाम को लेकर कह चुके हैं कि नकारात्मक बयान पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है लिहाजा वो खुद यहां तक चलकर आए ताकी एक मैसेज ग्राउंड लेवल तक जाए.
बागेश्वर का चुनावी समर्थन हासिल करना मकसद?: पंडित धीरेंद्र शास्त्री के लाखों भक्त हैं ऐसे में माना जा रहा है कि कमलनाथ का बागेश्वर पहुंचना चुनाव से पहले सभी कड़ियों को जोड़ना है ताकी कोई सियासी नुकसान ना हो. कमलनाथ की स्ट्रैटेजी है कि बागेश्वर के समर्थकों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करना और साफ्ट टच देना है. इससे पार्टी को सियासी माइलेज मिलने की उम्मीद है.