पिथौरागढ़: कोरोना संकट के चलते इस बार भी विश्व प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा नहीं हो सकेगी. 1981 से कैलाश-मानसरोवर यात्रा बदस्तूर जारी रही, मगर कोरोना संकट ने दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा को भी थाम दिया है. बीते साल की तरह इस बार भी यात्रा का आयोजन सम्भव नहीं दिख रहा है.
आमतौर पर इन दिनों यात्रा की तैयारियां जोरों पर रहती थी, लेकिन इस बार न तो विदेश मंत्रालय स्तर पर और न ही कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रा को लेकर कोई पहल की है.
कोरोना संकट के चलते इस बार भी श्रद्धालु पवित्र कैलाश मानसरोवर के दर्शन नहीं कर सकेंगे. ऐसे में कुमाऊं मंडल विकास निगम अब दूसरा प्लान तैयार कर रहा है.
इस प्लान के मुताबिक कैलाश मानसरोवर की तर्ज पर आदि कैलाश यात्रा शुरू की जाएगी. जिस से भारत की चाइना पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी.
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कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के तिब्बत में होने के कारण यात्रा को लेकर भारत की निर्भरता चाइना पर है. ऐसे में अब कुमाऊं मंडल विकास निगम आदि कैलाश यात्रा शुरू करने का प्लान बना रहा है. आदि कैलाश का पूरा इलाका भारतीय सीमा में है. आदि कैलाश में कैलाश पर्वत के साथ ही पार्वती झील भी मौजूद है. जबकि ॐ पर्वत भी इसी क्षेत्र मौजूद है. चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क बनने के कारण यहां की राह भी आसान हो गई है.