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पिता के 37 साल बाद पुत्र डीवाई चंद्रचूड़ बनेंगे चीफ जस्टिस, ऐसा होगा पहली बार

भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की. जस्टिस चंद्रचूड़ 50वें CJI बनने वाले हैं और 9 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे.

पिता के 37 साल बाद पुत्र डीवाई चंद्रचूड़ बनेंगे चीफ जस्टिस, पहली बार होगा ऐसा
पिता के 37 साल बाद पुत्र डीवाई चंद्रचूड़ बनेंगे चीफ जस्टिस, पहली बार होगा ऐसा

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Published : Oct 11, 2022, 1:53 PM IST

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की. जस्टिस चंद्रचूड़ 50वें CJI बनने वाले हैं और 9 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे. एक बार नियुक्त होने के बाद उनका कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक रहेगा. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अगले CJI की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें निवर्तमान CJI से उनके उत्तराधिकारी की सिफारिश करने को कहा गया था. आज, CJI ललित ने सभी न्यायाधीशों से अनुरोध किया कि वे सुबह 10.15 बजे जज के लाउंज में इकट्ठा हों, जहां उन्होंने अपने उत्तराधिकारी का नाम लेते हुए पत्र सौंपा.

जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे. 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए. उन्‍होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से से LLB की है. इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्‍कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. हार्वर्ड में, उन्होंने लॉ में मास्‍टर्स (LLM) और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) पूरी की. उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्‍कूल, Yale लॉ स्‍कूल और University of Witwatersrand, दक्षिण अफ्रीका में लेक्‍चर्स भी दिए हैं.

पढ़ें: 50वें CJI होंगे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, चीफ जस्टिस यूयू ललित ने सरकार को भेजा नाम

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनने से पहले उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट और गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के उच्च न्यायालयों में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस की है. उन्हें जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. एक वकील के रूप में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्वपूर्ण केसेज़ में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीजों के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक अधिकार और श्रम और औद्योगिक कानून शामिल हैं.

जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. वह 31 अक्टूबर 2013 से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी नियुक्ति तक बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. उन्होंने 1998 से बॉम्बे हाई कोर्ट में जज के रूप में अपनी नियुक्ति तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम किया था.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पांच बड़े फैसले

  • जस्टिस चंद्रचूड़ ने 2017-18 में पिता के दिए गए दो फैसलों को ही पलट दिया था. इसमें एडल्टरी लॉ और शिवकांत शुक्ला वर्सेज एडीएम जबलपुर के फैसले को पलटा था. 2018 में इस फैसले को पलटते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा- एडल्टरी लॉ पितृसत्ता का संहिताबद्ध नियम है. सेक्सवल ऑटोनोमी को महत्व दिया जाना चाहिए.
  • ट्विन टावर तो आप सभी को याद होगा, जिसे 28 अगस्त को गिराया गया था. 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिया था. इस फैसले में भी जस्टिस चंद्रचूड़ का हाथ था.
  • हाल ही में सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार देने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. इसमें कहा गया था कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है. इस बेंच की अगुआई भी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे.
  • केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया (25) ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी. परिवार ने इस मामले को लव जिहाद बताया था और हाईकोर्ट ने शादी रद्द कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हादिया की शादी रद्द करने से संबंधित केरल हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया था.
  • जस्टिस चंद्रचूड़ अयोध्या विवाद का फैसला करने वाली 5 जजों की बेंच का भी हिस्सा थे. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने एक अलग सहमति वाला निर्णय दिया था.

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