मुंबई :एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले (Patra Chawl Land Scam) में शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1 अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस साल 28 जून को संजय राउत को 1,034 करोड़ रुपए के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में पूछताछ के लिए तलब किया था. अगस्त में शिवसेना सांसद की पत्नी को भी एजेंसी ने पात्रा चॉल जमीन मामले में तलब किया था. ईडी के अधिकारियों की शिवसेना नेता के घर पर छापेमारी के बाद सांसद की पत्नी वर्षा राउत को केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया था. वहीं संजय राउत को कई घंटों तक हिरासत में रखने और पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था. राउत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी हैं.
क्या है पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामला -पत्रा चॉल को साल 2007 में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को बनाने का ठेका दिया गया था. यह काम MHADA ने दिया था. इस योजना के तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ की जमीन पर पात्रा चॉल में 672 किराएदारों के लिए फ्लैट बनाना था. ईडी के मुताबिक, आशीष कंस्ट्रक्शन ने म्हाडा को गुमराह किया. बिना फ्लैट बनाए 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपए में जमीन बेच दी. बाद में आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपए जुटाए. जांच में पता चला कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गौर कानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की.
आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से अपने सहयोगियों को पैसे ट्रांसफर कर दिए। ED का कहना है कि आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड HDIL की सिस्टर कंपनी है. जांच में पता चला कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के अकाउंट में जमा कराए थे. प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के अकाउंट में 83 लाख रुपये ट्रांसपर किए थे. इन पैसों से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा.
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