नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में 2021 में 229 आतंकवादी हिंसा में 41 नागरिक और 43 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. यह दोहराते हुए कि जम्मू-कश्मीर आतंकवादी और अलगाववादी हिंसा से प्रभावित है, तीन दशकों से अधिक समय से सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित है, गृह मंत्रालय की 2021-22 की एक वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी संबंधित घटनाओं में कमी देखी गई है.
2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, केंद्र शासित प्रदेश ने घटनाओं और नागरिकों के हताहत होने की संख्या दोनों में तेज गिरावट दर्ज की. एमएचए ने कहा कि 2019 में, जम्मू-कश्मीर में 255 आतंकवादी संबंधित हिंसा दर्ज की गई, जहां 80 सुरक्षा बलों के जवानों और 39 नागरिकों की जान चली गई. इसी अवधि के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा 157 आतंकवादी भी मारे गए.
गृह मंत्रालय ने कहा कि '2020 में, जम्मू-कश्मीर ने 244 घटनाएं दर्ज कीं, जिसमें 62 सुरक्षा बल के जवान, 37 नागरिक मारे गए, जबकि 221 आतंकवादी भी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए.' हालांकि, 2021 में, आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में नागरिक हताहतों की संख्या बढ़कर 41 हो गई. गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि '2021 में 42 सुरक्षा बल के जवान भी मारे गए थे, जबकि 180 आतंकवादी मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर में जारी उग्रवाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ से जुड़ा हुआ है.'