नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा के दौरान लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोप में पंजाब से एक 26 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार उक्त व्यक्ति पांच महीने से गिरफ्तारी से बचता घूम रहा था. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी.
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी बूटा सिंह पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था. उन्होंने दावा किया कि पुलिस की टीम जब उसे गिरफ्तार करने के लिए मंगलवार को उसके पैतृक गांव पहुंची तो उसके परिवार और पड़ोसियों ने उसे गिरफ्तार करने से रोकने की कोशिश की. पुलिस ने कहा कि बूटा सिंह केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान लालकिले में मौजूद था. पुलिस ने दावा किया कि बूटा सिंह ने लालकिले पर धार्मिक ध्वज फहराया था.
26 जनवरी हिंसा मामला : आरोपी बूटा सिंह को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार यह गिरफ्तारी लालकिला हिंसा मामले के एक अन्य आरोपी गुरजोत सिंह को अमृतसर में गुरुद्वारा श्री तूत साहिब के पास से विशेष प्रकोष्ठ द्वारा पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद हुई है. गुरजोत सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम था. पुलिस उपायुक्त (अपराध) मोनिका भारद्वाज ने कहा कि हमें बूटा सिंह के बारे में विशेष जानकारी मिली और एक टीम को पंजाब भेजा गया जो उसका पता लगाने में कामयाब रही. इसके बाद तलवंडी सोभा सिंह स्थित उसके गांव में छापेमारी की गई. उन्होंने कहा कि हालांकि हमारी टीम को उसके परिवार और पड़ोसियों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा जिन्होंने बूटा सिंह को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की.
उन्होंने अपने ट्रैक्टरों से सड़कों को अवरुद्ध करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय पुलिस की मदद से हमारी टीम आखिरकार आरोपी बूटा सिंह के साथ गांव से बाहर निकलने में सफल रही. अधिकारी ने कहा कि बूटा सिंह को लालकिले पर अपने सहयोगियों के साथ उस वीडियो में देखा गया था जिसमें वे दावा करते दिख रहे हैं कि उन्होंने मुख्य ध्वजारोहण क्षेत्र में धार्मिक ध्वज फहराया है. अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि विभिन्न समूहों के फेसबुक पोस्ट देखकर वह कट्टर बना. अधिकारी ने कहा कि उसने बताया कि वह अक्सर सिंघू बार्डर जाता था और वहां के नेताओं के भाषणों से काफी प्रेरित होता था.
पुलिस के अनुसार, योजना के तहत सिंह ने अपने पांच-छह सहयोगियों और अन्य अज्ञात सशस्त्र बदमाशों के साथ लालकिले में प्रवेश किया और वहां हंगामा किया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि झंडा फहराने के उसके कार्य ने पहले से ही हिंसक प्रदर्शनकारियों को लालकिले पर और अधिक तबाही मचाने के लिए प्रेरित किया जो वहां गणतंत्र दिवस सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों एवं अन्य कर्मियों के खिलाफ हर तरह की हिंसा में शामिल थे और जिन्होंने ऐतिहासिक स्मारक लालकिले को नुकसान पहुंचाया था.
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उल्लेखनीय है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे. कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाकर लालकिले पर पहुंचे और भीतर प्रवेश कर गए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसकी प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी फहराया जहां स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.