हैदराबाद: बीते दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा है. इन चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया है. लेकिन इन चीतों के भारत में आने के साथ ही राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर दावा किया है कि देश में चीता प्रोजेक्ट को कांग्रेस ने पेश किया था. कांग्रेस का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को पार्टी ने 2008-09 में हरी झंडी दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पहल पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद से यह योजना रुक गई थी.
तत्कालीन यूपीए सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने दावा किया है कि यह चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) कांग्रेस पार्टी की थी. कांग्रेस पार्टी उस समय चाहती थी कि भारत में चीतों को लाया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी. उनका दावा है कि अगर उस समय सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे दी होती, तो आज भारत के जंगलों में चीतों की दूसरी पीढ़ी कुलाचे मार रही होती. पूर्व वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस दावे को लेकर ट्वीटर पर एक लेटर की तस्वीर भी साझा की है.
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उन्होंने इस लेटर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि 'यह वह पत्र था, जिसने 2009 में प्रोजेक्ट चीता लॉन्च किया था. हमारे पीएम एक रोगात्मक झूठे हैं. #BharatJodoYatra में व्यस्त होने के कारण मैं कल इस पत्र पर हाथ नहीं रख सका.' उन्होंने यह पत्र तत्कालीन पर्यावरण और वन मंत्री के रूप में 2009 में भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के एम.के. रंजीतसिंह को लिखा था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2010 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आवेदन के लिए सुनवाई शुरू की थी. उसी अर्जी में नामीबिया से चीतों को भारत में लाने की अनुमति मांगी गई थी.