मुंबई: एयर इंडिया के पायलट यूनियनों में से एक- इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने उम्मीद जताई है कि निवर्तमान प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि विमानन कंपनी के नए मालिक टाटा संस के पास जाने से पहले कर्मचारियों के बकाया निपटान की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा कर लिया जाएगा. एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे एक पत्र में गिल्ड ने रविवनार को कहा कि वह विमानन कंपनी के नए मालिकों के साथ एक नई शुरुआत करने को लेकर 'आशावादी' हैं.
पत्र में साथ ही मौजूदा प्रबंधन से कर्मचारियों का 'शोषण' नहीं करने का आग्रह किया गया. गिल्ड ने कहा कि शोषण की स्थिति में बड़े पैमाने पर विरोध और औद्योगिक अशांति के हालात बन सकते हैं. आईपीजी के अनुसार 2006 के वेतन समझौते के तहत कैप्टन और सह-पायलटों के लिए मासिक लेओवर सब्सिस्टेंस अलाउंस (एलएसए) का प्रावधान किया गया था. इन वर्षों में इस राशि का 25 प्रतिशत को रोक दिया गया, जो अभी भी बकाया है.