कुरुक्षेत्र: आज से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 शुरू हो रहा है. महोत्सव को लेकर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा पूरी कर ली गई है. अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्म सरोवर के तट पर लगने वाले शिल्प और सरस मेले का शुभारंभ आज (गुरुवार, 7 दिसंबर को) राज्यपाल भंडारू दत्तात्रेय दोपहर 12:00 बजे करेंगे. यह आयोजन 7 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा. जहां पर भारत ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देखने के लिए पहुंचेंगे.
शिल्प और सरस मेले में 24 राज्यों के 250 से ज्यादा शिल्पकार करेंगे शिल्प कला का प्रदर्शन: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर शिल्प और सरस मेला लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहता है. इस वर्ष ब्रह्म सरोवर के तट पर करीब 600 से ज्यादा शिल्पकार स्टॉल लगाए जाएंगे. 24 राज्यों के करीब 250 से भी अधिक शिल्पकार इस मेले में पहुंचेंगे जो अपनी शिल्प कला प्रदर्शन करेंगे. यह शिल्प और सरस मेले में आए हुए लोगों के देखने का मुख्य केंद्र होता है.
17 से 24 दिसंबर तक मुख्य कार्यक्रम: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के तट पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन 17 दिसंबर से 24 दिसंबर तक रहेगा, जहां पर कई राज्यों के कलाकार आकर यहां पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान बड़े स्तर पर संस्कृत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जो अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आए हुए लोगों का मन मोह लेते हैं. इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन कुरुक्षेत्र ब्रह्म सरोवर के अंदर बने पुरुषोत्तम बाग में किया जा रहा है और पहली बार यह कार्यक्रम 8 दिन के लिए आयोजित किए जा रहे हैं. यहां पर करीब सात राज्यों के 71 कलाकार अपनी अनोखी संस्कृति की छटा बिखेरेंगे.
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में दीपोत्सव और संत सम्मेलन: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा संत सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा. यह आयोजन 22 दिसंबर को होगा जिसमें देशभर से विश्व भर से संत महात्मा इस सम्मेलन में भाग लेंगे और गीता के महत्व के बारे में बताएंगे. वहीं, 23 दिसंबर के दिन कुरुक्षेत्र ब्रह्म सरोवर के तट पर दीप उत्सव भी मनाया जाएगा . 23 दिसंबर के दिन ब्रह्मसरोवर पर एक लाख दिए जलाए जाएंगे जो लोगों के लिए देखने के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे.
17 दिसंबर को गीता पूजन के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ महोत्सव का करेंगे आगाज: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर 17 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर तक मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसका शुभारंभ देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे, इस दिन से 8 दिन के लिए विभिन्न प्रदेशों से आए हुए कलाकार अपनी कलाकृतियों दिखाएंगे और अपनी संस्कृति को ब्रह्म सरोवर के तट पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रदर्शित करेंगे.