नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh )ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं और 'जटिल' होती जा रही हैं. उन्होंने देश में मजबूत, सक्षम और पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर' रक्षा उद्योग की वकालत की.
अमेरिका समर्थित सरकार के गिरने और अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत और अन्य देशों में बढ़ती चिंता के बीच सिंह की यह टिप्पणी आई है.
सिंह ने कोई स्पष्ट संदर्भ दिए बिना कहा, 'आज पूरी दुनिया में सुरक्षा परिदृश्य बहुत तेजी से बदल रहा है. इस वजह से, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं और जटिल होती जा रही हैं. वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति में निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं.'
'इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस' (आईडीईएक्स) की पहल 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चेलेंज 5.0' को शुरू करने के बाद सिंह ने कहा कि तेजी से बदलती सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, भारत को सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूत, सक्षम और 'आत्मनिर्भर' रक्षा उद्योग पर ध्यान देना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा, 'यह आवश्यक है कि हम न केवल मजबूत, आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बलों को तैयार करें, बल्कि अपने रक्षा उद्योग का भी विकास करें, जो समान रूप से मजबूत, सक्षम और सबसे महत्वपूर्ण, पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर' हो.'
उन्होंने निजी क्षेत्र से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने में योगदान देने का आह्वान किया. सिंह ने कहा, 'सरकार से हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए, मैं निजी क्षेत्र से आगे आने और रक्षा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देने का आह्वान करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'हमारे देश में न तो प्रतिभाओं की कमी है और न ही प्रतिभाओं की मांग में कमी है. लेकिन एक साझा मंच के अभाव में दोनों का मेल नहीं हो सका है. 'आईडीईएक्स' मंच इस अंतर को पाटने में काफी हद तक कामयाब रहा है.'
पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने के लिए कई सुधारात्मक उपायों और पहलों का अनावरण किया है. पिछले अगस्त में, सिंह ने घोषणा की थी कि भारत 2024 तक 101 हथियारों और सैन्य सामानों जैसे परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, क्रूज मिसाइल और सोनार सिस्टम के आयात को रोक देगा.
(पीटीआई भाषा)