नई दिल्ली : ग्लोबल मार्केट के खुलने के बाद हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) वाले प्रोडक्ट के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. यह जानकारी इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने दी.
हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन (HVAC-R) सेगमेंट पर एक वर्चुअल एक्सपो को संबोधित करते हुए महेश देसाई ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जब ग्लोबल मार्केट कारोबार के लिए खुलेंगे तो आउटबाउंड शिपमेंट की गति भी तेज होगी.
2020 के दौरान भारत में बने HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए तीन देश काफी मुफीद रहे. इस दौरान अमेरिका में 16.7 फीसदी, यूएई में 7 फीसदी और चीन में 5.92 फीसदी HVAC-R प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए गए.
नए ट्रेड डेटा के अनुसार, यूरोपीय संघ (ईयू) सभी क्षेत्रों में भारत के HVAC-R प्रोडक्ट का सबसे बड़ा आयातक है, जो इन उत्पादों के भारत के कुल ग्लोबल एक्सपोर्ट के पांचवें हिस्से से अधिक की खपत करता है. इसके बाद नॉर्थ अमेरिका और मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया (MEWA) रीजन में भारतीय HVAC-R प्रोडक्ट् की खपत होती है. यह भारत के कुल एक्सपोर्ट का 18.2 फीसदी और 16.5 फीसदी था. आसियान और उत्तर-पूर्व एशियाई देशों में पिछले साल भारत के HVAC-R प्रोडक्ट के ग्लोबल एक्सपोर्ट के 10 प्रतिशत से अधिक की खपत की.
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट बॉडी के प्रमुख महेश देसाई ने बताया कि भारत हीटिंग प्रोडक्ट के निर्यात में 24 वें पायदान पर है, जबकि एसी में एक्सपोर्ट में ग्लोबल रैंकिंग 25 है. रेफ्रिजरेशन यूनिट के एक्सपोर्ट में भारत 33 वें स्थान पर है. इसके अलावा भारत हीटिंग, एयर कंडीशनिंग, रेफ्रिजरेशन और वेंटिलेशन (HVAC-R) उपकरणों के सेगमेंट के दुनिया का 16वां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.
वर्चुअल एक्सपो में ईईपीसी इंडिया के वाइस चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि इंजीनियरिंग सेगमेंट में मजबूत ग्रोथ के साथ देश चालू वित्त वर्ष में 400 बिलियन डॉलर से अधिक के निर्यात का रिकॉर्ड हासिल करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हीटिंग और रेफ्रिजरेशन सेक्टर में ग्लोबल कंपनियों और लोकल प्लेयर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हो रही है.