नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान (Indian security establishment) के विश्वसनीय सूत्र ने दुनिया के सबसे बड़े नौसैनिक अभ्यास में भारत की भागीदारी (Indias participation in naval exercises) की पुष्टि की है. लगभग 27 देशों के समुद्री अभ्यास रिम ऑफ द पैसिफिक यानी RIMPAC में भारत हिस्सा लेगा. इसे दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री ड्रिल के रूप में देखा जा रहा है. यह अभ्यास जून-जुलाई में होने की संभावना है. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने ETV BHARAT से इसकी पुष्टि की है.
आधिकारिक सूत्र ने यह भी कहा कि 21-24 मार्च 2022 तक संयुक्त बेस पर्ल हार्बर-हिकम में आयोजित RIMPAC 2022 के लिए अमेरिकी नौसेना के तीसरे फ्लीट-होस्टेड फाइनल प्लानिंग कॉन्फ्रेंस (FPC) में भारतीय प्रतिनिधित्व मौजूद था. भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना हवाई द्वीप और सैन डिएगो में होने वाले द्विवार्षिक RIMPAC के 28वें संस्करण में भाग लेने वाले देशों के नाम सार्वजनिक करने के बारे में अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं.
भारत-चीन तनाव के बीच अभ्यास:हालांकि अमेरिकी नौसेना की विज्ञप्ति में कहा गया है कि RIMPAC 22 समान विचारधारा वाले करीब 27 साझेदार देशों का गवाह बनेगा. जिसमें 41 जहाजों, चार पनडुब्बियों, 170 से अधिक विमानों और लगभग 25000 कर्मियों के भाग लेने का अनुमान है. विशाल अभ्यास की व्यापकता का संकेत देते हुए कहा कि RIMPAC 2022 का आकार और दायरा 2020 में स्केल से बड़ा होगा. भारत की भागीदारी का मतलब यह होगा कि अप्रैल 2020 से एलएसी पर भारत-चीन तनाव के बाद यह देश की पहली RIMPAC भागीदारी होगी.
यूक्रेन-रूस युद्ध का असर:यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई ने भारत और चीन को उन देशों के एक छोटे समूह में रखा है, जिन्होंने रूस की निंदा करने से इनकार कर दिया है. यूक्रेन पर भारत की स्थिति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अस्थिर रूप में वर्णित किया है. भारत क्वाड के साथ ही ब्रिक्स का भी सदस्य है, जिसमें ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, जो 40 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.