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पाकिस्तान दौरे पर यूएनजीए अध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर पर की टिपण्णी, भारत ने जताया विरोध

भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर की टिप्पणी का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि उनका बयान भ्रामक और पूर्वाग्रही टिप्पणी करता है, तो वह अपने पद के लिए बहुत बड़ा नुकसान करता है.

यूएनजीए अध्यक्ष
यूएनजीए अध्यक्ष

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Published : May 28, 2021, 11:53 PM IST

नई दिल्ली :भारत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर की टिप्पणी का कड़ा विरोध किया.मामले पर मीडिया के एक प्रश्न के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र महासभा (PGA) के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर द्वारा हाल की पाकिस्तान यात्रा के दौरान भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के संबंध में किए गए अनुचित संदर्भों के लिए अपना कड़ा विरोध व्यक्त करते हैं .

भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान यूएनजीए के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर की टिपण्णी के बाद आया है, जो 26 मई से 28 मई तक पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा पर हैं. उन्होंने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रास्ता अपनाने का आह्वान किया. अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सभी पक्ष विवादित क्षेत्र का दर्जा बदलने से परहेज करें.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की.

वार्ता के दौरान यूएनजीए अध्यक्ष ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति संयुक्त राष्ट्र चार्टर और प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों द्वारा शासित है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह का आह्वान किया गया है.

दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे पर जम्मू-कश्मीर विवाद, फिलिस्तीन की स्थिति, अफगान शांति प्रक्रिया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार, कोविड-19 टीकों की समान पहुंच सहित कई राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की

पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री ने भारत के अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (IIOJK) में गंभीर मानवाधिकारों और मानवीय स्थिति के बारे में बोजकिर को अवगत कराया. कुरैशी ने जोर देकर कहा कि कब्जे वाले क्षेत्र की जनसांख्यिकीय संरचना को बदलने के लिए भारत के व्यवस्थित प्रयास चौथा जिनेवा कन्वेंशन सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.

उन्होंने टिप्पणी की कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को और अधिक मजबूती से उठाने के लिए कर्तव्यबद्ध है.

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भारतीय विदेशमंत्रालय ने रेखांकित किया कि जब संयुक्त राष्ट्र महासभा का एक मौजूदा अध्यक्ष भ्रामक और पूर्वाग्रही टिप्पणी करता है, तो वह अपने पद के लिए बहुत बड़ा नुकसान करता है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष का व्यवहार वास्तव में खेदजनक है और निश्चित रूप से वैश्विक मंच पर उनकी स्थिति को कम करता है.

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