नई दिल्ली :भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है, चीनी सेना की तरफ से हर बार सीमा पर उकसाने वाली हरकतें की जाती हैं. भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास लड़ाकू विमान उड़ाने को लेकर चीन को सख्त चेतावनी दी है. भारत ने चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को लद्दाख सीमा से दूर रखने के लिए कहा है. भारत ने चीन को ये चेतावनी ऐसे समय पर दी, जब उसका ताइवान के साथ विवाद चल रहा है. भारत और चीन की बीच विश्वास कायम रखने के उपायों के तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के 10 किलोमीटर के अंदर ही लड़ाकू विमान उड़ाने पर सहमति है, लेकिन चीनी विमानों ने बीते डेढ़ माह में इसका उल्लंघन किया है. भारत ने इसे भड़काने वाले हरकत बताते हुए चीनी सैन्य अधिकारियों के समक्ष सख्त आपत्ति प्रकट की.
बता दें कि भारत और चीन के बीच मंगलवार 2 अगस्त को फिर से सैन्य स्तर की बातचीत हुई. इस बातचीत में भारतीय सेना की तरफ से सीमा पर चीनी विमानों की हरकतों का जिक्र किया गया. भारत ने चीन से कहा कि पिछले एक महीने से लगातार चीनी लड़ाकू विमान लद्दाख सीमा के पास उड़ान भर रहे हैं, ऐसी उकसाने वाली हरकतों को तुरंत बंद किया जाना चाहिए. बताया जाता है कि विशेष सैन्य वार्ता में भारतीय पक्ष की ओर से एयर कमाडोर अमित शर्मा ने मौजूद थे, वहीं चीनी पक्ष की ओर से उनके समकक्ष अधिकारी थे.
हालांकि पिछले कुछ दिनों से एलएसी के पास चीनी विमान लगातार उड़ान भरते देखे गए. इसे लेकर भारत की तरफ से भी पूरी तैयारी की गई थी. सेना के अधिकारी सीमा के नजदीक मंडरा रहे इन चीनी लड़ाकू विमानों पर लगातार नजर बनाए हुए थे. अब इसी मुद्दे को चीन के सामने उठाया गया है. भारत व चीन के बीच विशेष सैन्य वार्ता ऐसे समय हुई है, जब ड्रैगन का ताइवान समेत कई मामलों को अमेरिका समेत कई देशों से तनाव चल रहा है. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताजा ताइवान यात्रा से चीन बुरी तरह भड़का हुआ है. उसने ताइवान पर मिसाइलें दागी हैं. इनमें से कुछ जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी गिरी हैं.
कुछ हफ्ते पहले एक साक्षात्कार में, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा था कि भारत एलएसी के पार की हवाई गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए है. जैसे ही हम एलएसी पर कोई चीनी गतिविधि देखते हैं, अपने लड़ाकू विमान तैनात कर देते हैं. भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर रडार लगा रही है, ताकि हम हवाई क्षेत्र में होने वाली किसी भी गतिविधि पर नजर रख सके. इसके साथ ही जब हम चीनी विमान या रिमोट संचालित पायलट एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) को एलएसी के बहुत करीब आता देखते हैं तो उचित कदम उठाते हैं.
ये भी पढ़ें - नहीं बाज आ रहा चीन, LAC के करीब फिर से भेजा फाइटर प्लेन