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PM Modi US Visit : अमेरिका का सबसे 'घातक' ड्रोन खरीदेगा भारत, टेंशन में आया चीन और पाकिस्तान

प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान 3 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 24 हजार करोड़ रुपये) के रक्षा सौदे की घोषणा होने की उम्मीद है. भारत अमेरिका से तीस MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा. 14 ड्रोन नौसेना को मिलेंगे, जबकि एयरफोर्स और आर्मी को 8-8 ड्रोन मिलेंगे. जानिए क्या है ड्रोन की खासियत.

US Predator armed drones
ड्रोन खरीदेगा भारत

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Published : Jun 16, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह अमेरिका यात्रा से पहले रक्षा मंत्रालय ने यूएस से ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी है. 30 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन (MQ 9B Predator armed drones) खरीदने के सौदे की घोषणा वाशिंगटन में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वार्ता के बाद की जा सकती है. चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच ड्रोन की खरीद काफी अहम मानी जा रही है. भारत की इस खरीद पर चीन और पाकिस्तान की भी नजर है. खरीद को मंजूरी मिलने के बाद से दोनों मुल्क की टेंशन बढ़ गई है.

ये है खासियत

ये वही ड्रोन है जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने 2011 में अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन और जुलाई 2022 में काबुल में अयमान अल-जवाहिरी को मारने के लिए किया था. इस ड्रोन का सौदा होने पर नौसेना को 14 ड्रोन मिलने की संभावना है, जबकि भारतीय वायु सेना और सेना को आठ-आठ ड्रोन मिलेंगे.

राजनाथ की मौजूदगी में दी गई मंजूरी : घटनाक्रम से जुड़े लोगों के मुताबिक, गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में जनरल एटॉमिक्स से हथियारबंद 'हंटर-किलर' ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी गई.

प्रीडेटर ड्रोन भारत को चीन के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मदद करेंगे. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन द्वारा राजनाथ सिंह के साथ व्यापक बातचीत करने के लगभग 10 दिनों के बाद लंबे समय से प्रतीक्षित खरीद को मंजूरी मिली. यही नहीं, मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत में GE-414 लड़ाकू जेट इंजन के निर्माण पर एक समझौते को मंजूरी मिलने की संभावना है.

घातक सशस्त्र ड्रोन के बारे में जानिए

  • MQ-9B ड्रोन MQ-9 'रीपर' का एक प्रकार है जिसका उपयोग हेलफायर मिसाइल के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने के लिए किया गया था.
  • ड्रोन समुद्री निगरानी में सक्षम है. ये ​​पनडुब्बियों को खोजकर नष्ट कर सकता है. दूर से हवाई लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है. इसके अलावा बारूदी सुरंगों को नष्ट करने समेत विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभा सकता है.
  • हाई-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस (HALE) ड्रोन 35 घंटे से अधिक समय तक हवा में रहने में सक्षम हैं.
  • ये चार हेलफायर मिसाइल और लगभग 450 किलोग्राम बम ले जा सकता है.
  • MQ-9B ड्रोन के दो संस्करण हैं - स्काई गार्जियन और सी गार्जियन ड्रोन.
  • ये पहला शिकारी-किलर मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है जिसे काफी दूरी और ऊंचाई की निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है.
  • इसमें इंटेलिजेंस और कम्युनिकेशन इंटेलिजेंस सिस्टम इंटीग्रेटेड ऑनबोर्ड हैं.
  • रीपर्स आठ लेजर-गाइडेड मिसाइलों और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल तक का उपयोग कर सकते हैं.
  • तैनाती के लिए इसे अलग किया जा सकता है और एक कंटेनर में लोड किया जा सकता है.
  • MQ-9B ड्रोन बड़ा, भारी, अधिक सक्षम है और इसे समान ग्राउंड सिस्टम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है.

भारत ने दो ड्रोन लीज पर लिए थे :2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए जनरल एटॉमिक्स से दो MQ-9B सी गार्जियन ड्रोन लीज पर लिए थे. बाद में लीज अवधि बढ़ा दी गई है. भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में पीएलए युद्धपोतों द्वारा बार-बार हमले सहित बढ़ती चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है.

अमेरिका ने 2019 में भारत को सशस्त्र ड्रोन बिक्री की दी थी मंजूरी : 2019 में अमेरिका ने भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी और यहां तक ​​कि एकीकृत वायु और मिसाइल रक्षा प्रणाली की पेशकश की थी. भारतीय नौसेना हिंद महासागर पर अपनी समग्र निगरानी को बढ़ावा देने के लिए खरीद पर जोर दे रही है, ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें पिछले कुछ वर्षों में चीनी जहाजों और पनडुब्बियों की घुसपैठ बढ़ी है.

चीन से गतिरोध के बाद अहम है ये खरीद : चीन से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद इस तरह के निगरानी ड्रोन की खरीद को काफी अहम माना जा रहा है. भारत ने दूरस्थ रूप से संचालित विमानों के बेड़े का उपयोग करके वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी दिन और रात की निगरानी में काफी वृद्धि की है, लेकिन इस तरह का ड्रोन उसके लिए काफी मददगार होगा.

मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका संबंध :पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा संबंध प्रगाढ़ हुए हैं. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध 'वैश्विक रणनीतिक साझेदारी' के रूप में विकसित हुए हैं, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हितों पर आधारित है.

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Last Updated : Jun 16, 2023, 10:54 PM IST

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