बहराइच :भारत-नेपाल सीमा पर बसे तमाम गांवों में ईसाई मिशनरी के लोग फुसलाकर लोगों को ईसाई बना रहे हैं. कई दिनों से यह मामला सुर्खियों में है. 5 जून को धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पुलिस ने नानपारा कोतवाली इलाके से एक पादरी को पकड़ा था. इस दौरान प्रार्थना कर रहे कुछ लोगों ने देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी. पुलिस ने मामले में 6 पर मुकदमा दर्ज किया था. दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था. रविवार को बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक समेत अन्य हिंदूवादी संगठनों ने ईसाई बन चुके ताजपुर टेडिया गांव के सैकड़ों लोगों की विधि-विधान से हिंदू धर्म में वापसी कराई. नानपारा के काली मंदिर में पूजा-पाठ के साथ उनका शुद्धिकरण भी करवाया गया.
ग्रामीण बच्छराज और बिहारी लाल ने बताया कि चर्च में लालच और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने की बात कही जाती थी. ईसाई घर में पूजा-पाठ करने से मना करते थे. हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति रखने से भी रोकते थे. ईसा मसीह की फोटो लगाने के लिए कहते थे. ईसाई मिशनरी के लोगों के द्वारा नेपाल से सटे गावों में रविवार एवं मंगलवार को प्रार्थना सभा की जाती है. यहां गरीब तबके के लोगों को बुलाया जाता है. उन्हें ईसाई धर्म से जुड़ने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं.