चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार किसी न्यायाधीश ने अवकाश के दिन 'वॉट्सऐप' किसी मामले की सुनवाई की है. यह ऐतिहासिक सुनवाई आपात स्थिति में हुई. दरअसल, हाई कोर्ट के जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक शादी समारोह में शामिल होने नागरकोइल गए थे. तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से जुड़ा एक मामला कोर्ट में आ गया. मंदिर के ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया कि अगर तय तिथि और मुहूर्त के अनुसार, सोमवार को रथयात्रा उत्सव का आयोजन नहीं किया गया तो उनका गांव को देवता के 'दिव्य क्रोध' का सामना करना पड़ेगा.
जब आस्था से जुड़ी आवश्यक शर्त जस्टिस पी आर स्वामीनाथन को मिली तो उन्होंने वॉट्सऐप के माध्यम से ही नागरकोइल में कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर दी. इस वॉट्सऐप कॉल में दूसरी तरफ से याचिकाकर्ता के वकील वी राघवचारी और राज्य सरकार के महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम अपनी-अपनी लोकेशन से जुड़ गए. इस दौरान सभी पक्षों ने अपनी दलील दी. महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम ने कोर्ट को बताया कि सरकार रथयात्रा के आयोजन का विरोध नहीं करती है मगर वह आम जनता की सुरक्षा को लेकर चिंतित जरूर है. उन्होंने हाल ही में तंजावुर जिले में इसी तरह के जुलूस में एक त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी ही एक धार्मिक यात्रा में हाई टेंशन बिजली लाइन के संपर्क में आने से 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 17 अन्य घायल हो गए थे. अब ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.