नई दिल्ली: IMA के सदस्यों ने डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर एम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए केंद्रीय कानून बने. IMA के डॉक्टर रंजन शर्मा ने कहा, सरकार की तरफ से जवाब नहीं आया. अस्पताल को सेफ जोन घोषित करने की मांग 10-12 साल से की जा रही है.
बता दें, कोरोना काल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर आज पूरे देश भर में आईएमए के आह्वान पर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों के बाहर प्रदर्शन हो रहा है. बता दें कि कोरोना काल में डॉक्टर्स के साथ लोगों ने दुर्व्यवहार किया था और डॉक्टरों के साथ मारपीट भी की थी, जिसको लेकर आज एम्स अस्पताल के बाहर एम्स के डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. डॉक्टरों ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से मांग की है कि एक कानून बनाया जाए जो कोई भी डॉक्टरों के साथ बदतमीजी या गुंडागर्दी करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
डॉक्टरों के साथ मारपीट
एम्स के डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने बताया कि आज हम इस बात को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, क्योंकि जिस तरह से कोरोना काल में डॉक्टरों ने अपना बलिदान दिया था और डॉक्टरों ने निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की थी उसके बाद भी कई जगह से ऐसी तस्वीरें सामने आई, जहां डॉक्टरों के साथ भेदभाव किया गया और मारपीट की गई, हम प्रधानमंत्री मोदी से मांग करते हैं कि डॉक्टरों के लिए भी एक कानून लाया जाए, जो हमारे साथ इस तरह की का बर्ताव करता है, मारपीट या भेदभाव करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.