बेगूसराय:पुलिस ने लूट की बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले ही नाकाम कर दिया. बेगूसराय पुलिस ने मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की है. इनके पास से 1 लोडेड देसी कट्टा, 4 जिन्दा कारतूस, 2 मोबाइल, एक फर्जी नंबर प्लेट, 1 स्कूटी और 5 हजार रूपया बरामद किया गया है. बताया जाता है कि तीनों आज से तीन महीने पहले फरवरी में पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में गोलीबारी की घटना में भी संलिप्त थे. शास्त्रीनगर गोलीबारी की घटना में चार लोगों को गोली लगी थी, उसमें ये तीनों वांटेड थे और काफी समय से फरार चल रहे थे.
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लूट की योजना बनाते तीन अपराधी गिरफ्तार: सबसे बड़ी बात ये कि ये तीनों शातिर अपराधी इंजीनियरिंग के छात्र निकले. शास्त्रीनगर में गोलीबारी के बाद से तीनों कुछ दिन राजस्थान के जयपुर में छुपकर रह रहे थे. कुछ दिन भागलपुर में भी अपना ठिकाना बनाया था. बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि 17 मई की रात गुप्त सूचना मिली थी कि लाखो सहायक अन्तर्गत भैरवार स्थित सुरेश सिंह के बगीचा में चार-पांच अपराधियों इकट्ठा हुए हैं और बैंक लूट की योजना बना रहे हैं.
ऐसे दबोचे गए तीनों अपराधी: प्राप्त गुप्त सूचना पुलिस कप्तान बेगूसराय को दिया गया. एसपी के निर्देशानुसार प्रमोद कुमार ओपी अध्यक्ष लाखो और सशस्त्र बल लाखो ओपी एवं चीता बल की टीम के द्वारा छापेमारी की गई. छापेमारी के क्रम में तीन अपराधियों को मौके पर गिरफ्तार किया गया जिसके पास से एक लोडेड देसी कट्टा, चार जिन्दा कारतूस, समेत कई आपत्तिजनक सामान, स्कूटी और नकद बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकर कर लिया है.
बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार अवैध हथियार और कारतूस बरामद: एसपी ने आगे बताया कि समय पर पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के कारण सीएसपी और बैंक लूट की घटना को विफल करते हुए अपराधी को अवैध हथियार एवं कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया. छापेमारी टीम में शामिल पदाधिकारी एवं कर्मी को पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा.
इंजीनियरिंग के छात्रों का आपराधिक सफर: इन तीनों इंजीनियरिंग के छात्रों पर कई गंभीर आरोप हैं. मोहन कुमार, नवादा जिले का रहनेवाला है. पटना शास्त्रीनगर फायरिंग में वांटेड है. वहीं पीयूष कुमार उर्फ बिट्टू लाखो भैरबार का रहनेवाला है. 2014 में लाखो में डकैती में शामिल रहा. पटना शास्त्रीनगर फायरिंग में वांटेड है. 2020 में बलिया डकैती कांड में भी ये वांटेड था. पीयूष पर पहले से 5 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. दिगंबर कुमार भी लाखो का रहनेवाला है. तीनों ने एक गैंग बना कर रखा था. कभी पटना में वारदात को अंजाम देते थे तो कभी बेगूसराय में आपराधिक वारदात करते थे.
खोल रखा था यूट्यूब चैनल : तीनों बेगूसराय में किसी बड़ी लूट को अंजाम देने वाले थे, लेकिन सूचना पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. पीयूष कुमार पटना में रह कर एक यूट्यूब चैनल चलाता था, जिसका नाम 'सब तक' था. इन लोगों ने पैसा भी लगाया था और खुद को चैनल का फाउंडर बताते थे. हालांकि पटना पुलिस इसकी जांच कर रही है.
पटना में करते थे IIT JEE की तैयारी:तीनों लड़के पटना में IIT JEE की तैयारी करते थे और पटना में रह कर कोचिंग करते थे. लेकिन पढ़ाई छोड़ कर तीनों अपराध की दुनिया में कदम रखा था. ये तीनों काफी शातिर थे. बेगूसराय में एक महिला के यहां किराए पर रह रहे थे. अपने आप को बैंक कंपनी के कर्चमारी बताते थे.