बेंगलुरु : कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के सामने कहा कि हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और इसका इस्तेमाल रोकने पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं होता. गौरतलब है कि अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है. कर्नाटक के महाधिवक्ता (एजी) प्रभुलिंग नवदगी ने जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस जे. एम. काजी और जस्टिस कृष्ण एम दीक्षित की पीठ से कहा, 'हमने यह रुख अपनाया है कि हिजाब पहनना इस्लाम का आवश्यक धार्मिक अंग नहीं है.'
कुछ मुस्लिम लड़कियों ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक सरकार द्वारा हिजाब या भगवा स्कार्फ पहनने पर रोक लगाने के पांच फरवरी के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन होता है. महाधिवक्ता ने इस आरोप का भी खंडन किया. अनुच्छेद 25 भारत के नागरिकों को अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है. नवदगी ने दलील दी कि सरकार के आदेश से संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन नहीं होता.
यह अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है. महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का पांच फरवरी का आदेश कानून सम्मत है और उसमें आपत्ति करने जैसी कोई चीज नहीं है.
हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, अंतरिम आदेश का उल्लंघन न हो
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हिजाब विवाद पर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस बात पर ध्यान देने का निर्देश दिया कि उसके अंतरिम आदेश का उल्लंघन न हो. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश तब दिया, जब हिजाब के समर्थन में छात्राओं की ओर से एक अधिवक्ता ने पीठ के संज्ञान में लाया कि अंतरिम आदेश के बाद से मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है.
अधिवक्ता ताहिर ने अदालत के समक्ष कॉलेजों के परिसर में किसी भी धार्मिक प्रतीकों पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए कहा. उन्होंने दलील दी कि यह आदेश उर्दू स्कूलों में भी लागू किया जा रहा है, जहां सभी छात्र और शिक्षक मुस्लिम हैं. उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेशों का पालन करते हुए छात्रों को ऐसे कॉलेजों और स्कूलों के बाहर हिजाब और बुर्का हटाने के लिए कहा जा रहा है. हिजाब पहनने वाली शिक्षिकाओं को भी अधिकारी यह कहकर रोक रहे हैं कि वे हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी विभाग इस संबंध में आदेश पारित कर रहे हैं.
पढ़ें :Karnataka Hijab Row: विवाद के बीच कर्नाटक में एक लेक्चरर ने दिया इस्तीफा
पीठ ने अधिवक्ता से इस मामले में लिखित जवाब देने को कहा और सरकार को यह देखने का निर्देश दिया कि अंतरिम आदेशों का उल्लंघन न हो. सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि यह देखा जाएगा कि अंतरिम आदेश का एक भी उल्लंघन न हो.