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हाईकोर्ट ने कहा- किशोरों के प्रेम संबंध को अपराध मानना पोक्सो एक्ट का मकसद नहीं - पोक्सो एक्ट पर आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि पोक्सो एक्ट (poxo act) 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया है. अक्सर देखने में आ रहा है कि इस कानून का प्रयोग लोग शोषण के तंत्र के रूप में कर रहे हैं.

प्रयागराज
प्रयागराज

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 1, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Nov 2, 2023, 6:47 AM IST

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पोक्सो एक्ट 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया है. इसका उद्देश्य किशोरों के बीच सहमति से बने प्रेम संबंधों को अपराध मानना नहीं है. लेकिन वर्तमान समय में यह अक्सर देखने में आ रहा है कि इस कानून का प्रयोग लोग शोषण के तंत्र के रूप में कर रहे हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर अपराध देखने पर बल दिया और कहा कि जमानत देते समय प्रेम की सहमति से संबंध के तथ्य पर विचार किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि यदि पीड़िता के बयान को नजरअंदाज कर आरोपी को जेल में पीड़ा सहने के लिए डाल दिया गया तो यह न्याय नहीं होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने दिया है. कोर्ट ने इसी के साथ जालौन के एक आपराधिक मामले में आरोपी मृगराज गौतम उर्फ रिप्पू का जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया और उसे जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है. याचिका के अनुसार याची पर झूठा आरोप लगाया गया है, जबकि याची का पीड़िता के साथ सहमति से प्रेम संबंध है. यह भी कहा गया कि पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण भी नहीं किया गया. साथ ही याची का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.

Last Updated : Nov 2, 2023, 6:47 AM IST

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