चंडीगढ़: हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ लैंड डील मामले में क्लीन चिट देने के सवाल को लेकर अब बीजेपी सरकार खुद घिर गई है. इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने रॉबर्ट वाड्रा को क्लीन देने से इनकार किया है. जवाहर यादव का कहना है कि रॉबर्ट वाड्रा को किसी भी घोटाले में क्लीन चिट नहीं दी गई है.
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद शुक्रवार को जवाहर यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा को किसी भी घोटाले में अभी तक कोई क्लीन चिट नहीं मिली है. जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं. कांग्रेस भ्रम ना फैलाये. जवाहर यादव का ये ट्वीट उस खबर के बाद आया है जिसमें हरियाणा सरकार की तरफ से गुरुग्राम तहसीलदार के हवाले से कहा गया है कि 2012 में हुए इस जमीन सौदे में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है.
दरअसल हरियाणा के अंदर सांसदों और विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार ने हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 288 पर भी रिपोर्ट पेश की गई है. ये वही मामला है जिसमें रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ को बेची गई थी.
सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफमाने में गुरुग्राम के तहसीलदार की रिपोर्ट का जिक्र किया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि गुरुग्राम, वजीराबाद के तहसीलदार ने रिपोर्ट दी है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा डीएलएफ को बेची गई जमीन में किसी नियम और कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है. तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि जिस जमीन पर सवाल उठ रहे थे वो डीएलएफ के नाम पर नहीं है बल्कि अभी भी एचएसवीपी के नाम पर मौजूद है. कोर्ट में पेश किये गये सरकार के इस हलफनामे के बाद हरियाणा सरकार खुद सवालों के घेरे में आ गई. क्योंकि रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ लैंड डील मामले को सबसे ज्यादा बीजेपी ने ही चुनाव में भ्रष्टाचार के रूप में उठाया था.
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