वाराणसी. भाद्र शुक्ल तृतीया तिथि 29 अगस्त की दोपहर 2:39 पर ही लग चुकी है जो 30 अगस्त की दोपहर 2:32 तक रहेगी, यानी तीज की पूजा 2:32 के पहले ही संपन्न करनी होगी तीज का पारण 31 अगस्त की सुबह ही किया जाएगा.
हरतालिका तीज का महत्व के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि शिव पार्वती की पार्थिव मूर्ति का पूजन और कथा श्रवण करना हरितालिका तीज में उत्तम माना गया है. ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को पाने के लिए हजारों वर्ष तक तपस्या की थी और भाद्र शुक्ल तृतीया को ही भोलेनाथ ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिया और उनसे वर मांगने को कहा. तभी देवी ने उन्हें पति रूप में अपने जीवन में आने का आग्रह किया. उसी समय से सनातन धर्म में सौभाग्यवती महिलाएं सौभाग्य की और अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं.
आज सुहागिन रखेंगी हरतालिका तीज का व्रत, दोपहर ढाई बजे तक करनी होगी पूजा
सुहागिनों के लिए हरतालिका तीज का व्रत महत्वपूर्ण होता है. आज हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2022 Puja Time) हस्त नक्षत्र और शुभ योग में मनाई जाएगी.
इसके अलावा एक अन्य कथा के अनुसार द्रोपदी ने महाभारत युद्ध में यह व्रत करके अपने सौभाग्य की प्राप्ति की थी. पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि इस दिन स्त्रियों को शिव पार्वती के पार्थिव प्रतिमा का पूजन करने के लिए हाथ में जल अक्षत पुष्प आदि लेकर मन में ही शिव पार्वती का स्मरण करते हुए हरितालिका तीज पूजन का संकल्प करना चाहिए. इसके बाद मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करके उसके चारों तरफ केले के खंभे लगाने के बाद उसका षोडशोपचार या पंचोपचार पूजन करना चाहिए.
पंडित ऋषि द्विवेदी के मुताबिक इस बार हरितालिका तीज का व्रत (hartalika teej 2022 vrat ) उत्तम योग भी लेकर आ रहा है तीज (Hartalika Teej 2022) पर इस बार हस्त नक्षत्र और शुभ योग बन रहा है. यह अति उत्तम नक्षत्र और योग माना जाता है इस नक्षत्र में पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मनोवांछित फल भी मिलता है. फिलहाल तीज का पूजन 30 अगस्त को 2:32 तक ही संपन्न होगा, क्योंकि इसके बाद तिथि नहीं मिल रही है लेकिन व्रती महिलाएं तीज का पारण 31 अगस्त की सुबह करेंगी.