नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार सुबह लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम नहीं करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. पुरी ने कहा कि इस वित्त वर्ष में महाराष्ट्र सरकार ईंधन कर से 33,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्री ने आज ट्वीट किया "सच्चाई आहत करती है, लेकिन तथ्य स्वयं बोलते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये कमाए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार की ईंधन से कमाई 1.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. क्या लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करना चाहिए?"
यह एक दिन बाद आता है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को यह कहते हुए फटकार लगाई कि राज्य सरकार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में केंद्र के लिए 24.38 रुपये और राज्य के लिए 22.37 रुपये है. पेट्रोल की कीमत में 31.58 पैसे है और केंद्रीय कर 32.55 रुपये का है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य के कारण पेट्रोल और डीजल अधिक महंगा हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर, महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है.