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ग्वालियर में 'स्मार्ट रोड' पर महाभारत, हिंदू महासभा ने लगाया 'वीर सावरकर मार्ग' का बैनर

ग्वालियर में स्मार्ट सिटी के तहत बन रहे स्मार्ट रोड के नाम पर राजनीति तेज हो गई है. 300 करोड़ की लागत से बन रही इस सड़क के लिए अलग-अलग संगठनों द्वारा चार अलग-अलग नाम प्रस्तावित किए गए हैं. अब देखना ये है कि प्रशासन इस रोड का क्या नाम रखता है.

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Published : Feb 17, 2022, 4:17 AM IST

Mahabharata in the name of smart road
स्मार्ट रोड के नाम पर महाभारत

ग्वालियर : शहर में 300 करोड़ की लागत से बनने वाली स्मार्ट रोड पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को हिंदू महासभा ने स्मार्ट रोड के 11 स्थानों पर वीर सावरकर मार्ग के नाम से पट्टिकाएं लगा दीं. वहीं मराठा समाज भी मैदान में आ गया है. मराठा समाज महादजी सिंधिया के नाम से इस रोड का नाम चाहता है. उसका कहना है कि महाबली सिंधिया ने ही ग्वालियर बसाया है. इस रोड का यह चौथा नाम है जो चर्चाओं में है. इससे पहले थीम रोड, फिर राजपथ रोड उसके बाद वीर सावरकर और अब महादजी सिंधिया.

स्मार्ट रोड के नाम पर महाभारत

पहले पोती कालिख अब नामकरण!
300 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली ग्वालियर की स्मार्ट रोड के साइन बोर्ड पर पहले तो हिंदू महासभा ने कालिख पोती और आज उस रोड के 11 स्थानों पर वीर सावरकर के नाम से पट्टिकाएं भी लगा दीं. हिंदू महासभा के कई कार्यकर्ता यह पट्टिकाएं लगाने के लिए पहुंचे थे, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रही. बता दें कि एक दिन पहले ही कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा था कि जो भी नियमों को तोड़ा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा.

बढ़ रहा विवाद
वही ग्वालियर में जैसे-जैसे स्मार्ट रोड आकार ले रहा है, वैसे ही उसके साथ विवादों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. 15 किलोमीटर लंबी इस सड़क का नाम पहले थीम रोड, फिर राजपथ रोड उसके बाद वीर सावरकर और अब महादजी सिंधिया रोड रखना प्रस्तावित किया गया है. मराठा समाज के बाल खंडे का कहना है कि सिंधिया परिवार ने ही ग्वालियर शहर को बसाने का काम किया था, जिसके मुख्य शासक महादजी सिंधिया हैं. इसलिए इस रोड का नाम उनके नाम से होना चाहिए.
क्या होगा स्मार्ट रोड का नाम?
वैसे स्मार्ट सिटी का दावा है कि यह रोड फरवरी लास्ट में बनकर तैयार हो जाएगी. डेकोरेशन का जो बाकी काम है वह मार्च से अप्रैल के बीच हो जाएगा. अब स्मार्ट सिटी कंपनी के साथ-साथ पुलिस-प्रशासन और निगम के सामने नई चुनौती यह है कि इस रोड का नाम क्या रखा जाए, क्योंकि नाम को लेकर हिंदू महासभा कांग्रेस बीजेपी के साथ-साथ अब मराठा समाज भी मैदान में है.

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