ग्वालियर :मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार से शुरू हुए ड्रोन मेले (Gwalior Drone Fair) में कई ड्रोन निर्माता कंपनियां भाग ले रही हैं. मेले के आयोजन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ड्रोन के साथ तकनीक का प्रयोग को बढ़ावा देना है. ड्रोन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण (drones becoming farmers friends) साबित हो रहा है. इसी उद्देश्य को लेकर मध्य प्रदेश में पहली बार ग्वालियर में ड्रोन मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन तकनीक को नई क्रांति बताते हुए प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोले जाने का एलान किया है. यह ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर में खोले जाएंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ड्रोन गांव की मैपिंग, बॉर्डर पर रक्षा, किसान का मददगार पहाड़ी इलाकों में दवाइयों का ट्रांसपोर्ट सहित अलग-अलग क्षेत्र में कारगर साबित होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देशभर में नए नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और इनमें से ड्रोन टेक्नोलॉजी एक नया आयाम स्थापित करेगी.
इस मेले में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र कृषि पर आधारित ड्रोन चर्चा का विषय बनी हुई थी आधे से ज्यादा कई ड्रोन ऐसी शामिल किए गए जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या खेत में दवाई छिड़कने में कारगर साबित हो सकते हैं.
मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम मंत्री और अधिकारी शामिल हुए. सिंधिया ने कहा कि आज से हमारे देश में नई क्रांति की शुरुआत हुई है. यह ड्रोन हमारे देश में ट्रांसपोर्ट के लिए रीड की हड्डी साबित होगा, जो मनुष्य नहीं कर सकता वहां अब पहुंचेगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ड्रोन कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा. इसे ड्रोन के माध्यम से देश भर के किसान आदमी की खेती की ओर जाएंगे.