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यूपी बोर्डः 81% अंक मिलने से खुश नहीं थी छात्रा, 'सॉरी मम्मी-सॉरी पापा' कहकर लगा दी नहर में छलांग

सीतापुर के सीता इंटर कॉलेज की इंटरमीडिएट की छात्रा 81 प्रतिशत अंक मिलने के कारण नहर में छलांग लगा दी. नहर के किनारे पुलिस को छात्रा के बैग से सुसाइड नोट मिला है.

सुसाइड.
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Published : Jun 19, 2022, 8:30 PM IST

सीतापुर: उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा परिणा में जहां अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी खुशियां मना रहे हैं. वहीं, कम अंक पाने वाले निराश हैं. जबकि जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है कि आप सुनकर हैरान रह जाएंगे. दरअसल यहां बारहवीं की छात्रा ने 81 प्रतिशत अंक पाने के बावजूद आत्मत्या जैसा आत्मघाती कदम फादर्स डे पर उठा लिया. मन मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने के कारण छात्रा ने रविवार को नहर में छलांग लगा दी. हालांकि अभी तक छात्रा का शव बरामद नहीं हुआ है. लेकिन छात्रा की साइकिल और बैग के साथ सुसाइड नोट बरामद हुआ है. छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में खराब प्रदर्शन होने के कारण आत्महत्या की बात लिखी है.

सीतापुर की महमूदाबाद तहसील के सीता इंटर कॉलेज की इंटरमीडिएट की छात्रा गरिमा वर्मा पुत्री गिरीशचंद्र वर्मा का शनिवार शाम इंटर मीडिएट परीक्षा परिणाम आया था. परीक्षा परिणाम में गरिमा को 81 प्रतिशत अंक ही मिले थे. कहा जा रहा है कि गरिमा प्रदेश में टॉप करना चाहती थी, जिस कारण वह कड़ी मेहनत करती थी, लेकिन जब उसका इंटर मीडिएट का रिजल्ट आया तो उसको महज 81% अंक ही मिले, जिससे वह उदास हो गईं.

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इसी के चलते रविवार की सुबह हमेशा की तरह घर से महमूदाबाद कोचिंग के लिए गरिमा निकली और शारदा सहायक नहर में छलांग लगा दी. उसी रास्ते से गुजर रहे किसी राहगीर ने सड़क किनारे पड़ी साइकल और बैग को देखकर उसे चेक किया और उसमें लिखे मोबाईल नंबर की सहायता से परिजनों को मामले की जानकारी दी.वहीं, आनन-फानन में परिजन सहित पुलिस मौके पर पहुंची और नहर में छात्रा की तलाश शुरू कर दी.

कोतवाल विजयेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीण गोताखोरों की मदद से छात्रा की तलाश की जा रही है. छात्रा के बैग से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें छात्रा ने लिखा है 'सॉरी मम्मी - सॉरी पापा' मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रही हूं, मैं विद्यार्थी जीवन से तंग आ गई हूं, सॉरी-मम्मी, सॉरी पापा मुझे पता है यह गलत है, लेकिन मैं यह कदम उठाने जा रही हूं. मैं इस रिजल्ट के साथ नहीं जी सकती हूं. हर पल हर घड़ी मुझे इसी रिजल्ट के साथ हर दिन चिंता में मरना पड़ेगा. हम जी नहीं सकते.'

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