जम्मू: दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी मानी जाने वाली कांग्रेस पार्टी (Congress) का दामन छोड़ दिया है, जिसके बाद आज रविवार को जम्मू (Jammu) में उनकी एक रैली आयोजित की गई है. इस रैली में जनता को संबोधित करने के लिए गुलाम नबी आजाद दिल्ली से जम्मू पहुंच (Ghulam Nabi Azad Reached Jammu from Delhi) चुके हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया है. कांग्रेस पार्टी में करीब पांच दशक रहने के बाद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) जम्मू से अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. यहीं पर वह अपनी पार्टी की पहली इकाई स्थापित करेंगे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी ने इससे पहले बताया कि कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में आजाद की पहली जनसभा की तैयारियां पूरी हो चुकी है और हजारों लोग उनका भाषण सुनने के लिए यहां आए हैं. रविवार की दोपहर दिल्ली से जम्मू आने पर आजाद का भव्य स्वागत किया गया और वह जुलूस के रूप में सैनिक कॉलोनी स्थित जनसभा स्थल तक पहुंचे, जहां उन्होंने अपने समर्थकों से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने जनता को भी संबोधित किया है और अपने संबोधन में उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है.
अपने संबोधन में गुलाम नबी आजाद ने कहीं ये बातें
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मेरा दिल जम्मू-कश्मीर के लिए धकड़ता है. कांग्रेस कम्प्यूटर्स से नहीं बल्कि खून-पसीने से बनी है.
हमारे खिलाफ अफवाहें फैलाई जा रही हैं. मेरी अलग पार्टी बनाने की बात से कांग्रेस बौखला गई है.
लोगों के अपार समर्थन के लिए मैं उनका धन्यवाद देता हूं. कांग्रेस अब ट्वीटर और कम्प्यूटर तक ही सिमट कर रह गई है.
आज मैं देखता हूं कि कांग्रेस के लोग को जब सुबह बस से जेल में ले जाया जाता है और वे उसी समय डीजी एवं पुलिस कमिश्नर को फोन करते हैं और कहते हैं कि हमारा नाम लिख लीजिए और हमें 1 घंटे में छोड़ दीजिए इसलिए आज कांग्रेस आगे नहीं बढ़ पा रही है.
73 वर्षीय आजाद ने इस जनसभा में अपनी नई राजनीतिक पार्टी गठित करने की घोषणा की है.
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गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पूर्व उप मुख्यमंत्री, आठ पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, नौ विधायक और बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थान के सदस्यों, नगर निकाय पार्षदों और जमीनी कार्यकर्तओं ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. आजाद के स्वागत में जम्मू हवाई अड्डे से जनसभा स्थल तक जाने वाली सड़क पर और सतवारी चौक पर होर्डिंग और बैनर लगाए गए हैं. जनसभा स्थल पर करीब 20 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. सरूरी पिछले एक सप्ताह से जनसभा की तैयारियों में व्यस्त थे. उन्होंने कहा कि ‘ जिन लोगों ने आजाद के समर्थन में इस्तीफा दिया है, वे सभी जनसभा में मौजूद रहे.’
उन्होंने बताया कि समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले करीब तीन हजार आजाद समर्थकों ने जनसभा में शामिल होने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि ‘ इतनी बड़ी संख्या में शामिल हो रहे लोगों को प्रबंधन करना मुश्किल है, इसलिए हमने एक व्यवस्था की है. नए शामिल होने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए आजाद के समर्थन में उनसे हाथ उठाने को कहेंगे। विभिन्न पार्टियों के लोग भी हमारे संपर्क में है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में आजाद के पक्ष में समर्थन की सुनामी आएगी।’