पटना :50 पैसे से शुरू हुआ एक अनाथालय अब सभी वर्गों और समुदायों के छात्रों (students of all classes) की शिक्षा का सहारा बन रहा है. बिहार के गया जिले के चरकी में मुस्लिम अनाथालय (Muslim orphanage in Cherki) ने एक दशक से अधिक समय पूरा कर लिया है. दान और सहयोग से शुरू हुई संस्था को यहां तक पहुंचने के लिए तमाम मुश्किलों से गुजरना पड़ा है.
अनाथों और जरूरतमंद बच्चों के लिए 50 पैसे की लागत से बेहतर जीवन का सपने लिए इनायत अहमद खान (Inayat Ahamd Khan) द्वारा अक्टूबर 1917 में स्थापित यह अनाथालय आज भी बड़े जोश के साथ खड़ा है.
पिछले सौ वर्षों में इस अनाथालय से न केवल हजारों अनाथों के जीवन में सुधार हुआ है, बल्कि इनायत खान पूरे क्षेत्र में शिक्षा की शमा को जलाकर रखा है.
जिस समय संस्था की स्थापना एक अनाथालय द्वारा की गई थी, उस समय शेरघाटी से शहर तक कोई धार्मिक संस्थान या सरकारी स्कूल (government schools) नहीं थे.
50 पैसे से शुरू हुआ एक अनाथालय इस तरह संवार रहा लोगों का जीवन हजारों छात्रों ने यहां से स्नातक किया और ऊंचाइयों तक पहुंचे. अनाथालय की नींव ऐसे समय में रखी गई थी जब ओडिशा, बिहार, झारखंड में एक भी अनाथालय नहीं था.
यहां बच्चों को बिना किसी भेदभाव के पढ़ाया जाता है. यहां के शिक्षित छात्रों में हिंदू समुदाय के भी छात्र शामिल थे.
स्कूल के प्रिंसिपल (principal of the school) मिन्हाज उल इस्लाम (Minhaj ul Islam) का कहना है कि यहां इलाके के हिंदुओं की एक बड़ी आबादी शिक्षित हुई है. अनाथालय बनाने में हिंदुओं ने भी मदद की है.
ऐसे हजारों लोग थे जो उर्दू पढ़कर सरकारी सेवा में बने रहे और अब भी मिडिल स्कूल और हाई स्कूल और अन्य संस्थानों में पढ़ रहे हैं. अनाथालय ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है.
अनाथालय में रहने वाले सतीश कुमार का कहना है कि वह यहां डिस्टेंस कोर्स (distance course) से एमए कर रहे हैं. उनके परिवार के कई सदस्य यहां पढ़े हैं.
पढ़ें - राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से बीजेपी ने जाट लैंड में चला अपना दांव, क्या इससे कम होगा गुस्सा ?
अनाथालय का दौरा भारत गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति (former President of the Republic of India) राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad), डॉ. जाकिर हुसैन, राज्यपालों और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित गणमान्य व्यक्तियों ने किया है.अनाथालय में नियमित कक्षा और उसके आसपास छात्रों की संख्या हजारों में है.