देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी ने अपने शिष्य की जमकर तारीफ की और कहा कि वह अच्छा काम कर रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावना को सिरे नकारते हुए कहा कि वे उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना जारी रखेंगे. महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से संवाद करते हुए कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी, क्योंकि वह बार बार यात्रा करने के कारण थक गए थे.
पद पर बने रहना होता अपराध: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कोश्यारी और महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 'यदि मैं 24 में 16 घंटे भी काम नहीं कर पाता तो राज्यपाल के पद पर बने रहना अपराध होता'. वहीं, राजनीतिक सरगर्मियों से भरे अपने कार्यकाल के बारे में टिप्पणी करते हुए कोश्यारी ने कहा कि वह मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के आदी हैं. पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने अपने विवादास्पद बयानों के बारे में बोलते हुए कहा कि यदि किसी बच्चे को भी लगा कि उन्होंने गलती की है तो वह उसके लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे.
'मुंबई से राजस्थानियों और गुजरातियों को निकाल दो तो महाराष्ट्र में बचेगा क्या' वाले बयान पर बोलते हुए कोश्यारी ने कहा कि उत्साह में कुछ बातें निकल गई थीं और यह अहसास होने के बाद कि इससे लोग आहत हुए हैं, उन्होंने तुरंत माफी मांग ली थी. हालांकि, कोश्यारी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज या सावित्रीबाई फुले के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है.
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