गुवाहाटी :असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण में शनिवार को 47 सीटों पर हो रहे चुनाव असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्रनाथ गोस्वामी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा और कई मंत्रियों की किस्मत का फैसला करेंगे.
इनमें से अधिकतर सीटों पर सत्ताधारी भाजपा-अगप गठबंधन, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन और नवगठित असम जातीय परिषद (एजेपी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि 2016 के चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 47 सीटों में से 35 सीटें हासिल कीं, जबकि शेष कांग्रेस और अन्य दलों को मिलीं.
असम के मुख्य चुनाव अधिकारी नितिन खाडे ने कहा कि शनिवार को स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुचारू चुनाव संपन्न कराने के लिए मतदान की वेबकास्टिंग सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं. 4,032,481 महिलाओं सहित 8,109,815 मतदाता 11,537 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे.
सीईओ ने मीडिया से कहा कि किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए केंद्रीय और राज्य बलों की भारी टुकड़ी तैनात की गई है. असम के साथ अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर भी सुरक्षा मजबूत है.
पहले चरण के मतदान में 59-वर्षीय सोनोवाल माजुली से, 65-वर्षीय कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा गोहपुर से, जबकि असम गण परिषद के प्रमुख व 60-वर्षीय मंत्री अतुल बोरा बोकाखाट से फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जहां 11 उम्मीदवार मैदान में हैं.
शनिवार के मतदान में कई के चुनावी भाग्य का परीक्षण किया जाएगा. इनमें विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी (जोरहाट), कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता देवव्रत सैकिया (नाजिरा), जेल में बंद रायजोर दल के अध्यक्ष व प्रमुख किसान नेता अखिल गोगोई (शिबसागर) और असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई (दुलियाजान) हैं.
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मतदान अधिकारियों के अनुसार, 85-वर्षीय प्रेमधर बोरा 264 उम्मीदवारों में सबसे पुराने हैं, जबकि नौ उम्मीदवार हैं जो 25 साल या उससे कम उम्र के हैं. निर्दलीय उम्मीदवार बोरा पूर्वी असम के बिहपुरिया निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.