हैदराबाद:बिहार के नवादा जिले में तेलंगाना पुलिस की टीम पर साइबर अपराधियों ने फायरिंग की.अपराधियों ने साइबराबाद की साइबर अपराध पुलिस पर गोलियां चलायी गई. गनीमत रही कि गोली किसी को नहीं लगी. पुलिस अपराधियों को पकड़ने में सफल रही. गिरोह लोगों को कम कीमत पर बाइक, कार बेचने और डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी में शामिल है.
बिहार के नवादा जिले में साइबर अपराधियों ने साइबर क्राइम पुलिस पर फायरिंग कर दी. लेकिन पुलिस ने बहादुरी दिखाते हुए गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से 1.23 करोड़ रुपये नकद और महंगी कारें जब्त की गईं. बिहार के नवादा जिले के कई हिस्सों में युवक गैंग बनाकर साइबर ठगी में शामिल थे. वे निर्दोष लोगों को विश्वास दिलाते थे कि वे दोपहिया और महंगी कारें कम कीमत पर बेचेंगे और उन्हें डीलरशिप देंगे.
साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस और नवादा जिला पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए संयुक्त छापेमारी की. वे तीन दिन पहले आधी रात को वाहनों में सवार होकर भवानीबीघा गांव पहुंचे. उन्होंने शनिवार सुबह छापेमारी की तैयारी की. मुख्य आरोपी मिथिलेश प्रसाद ने एक इमारत की छत से उनकी हरकतों को देखा और पुलिस पर गोलियां चलाईं.
बाद में पुलिस ने छापेमारी कर भूतलीराम, महेश कुमार, सुरेंद्र महतो और जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से 1.23 करोड़ रुपये नकद, दो कार, विदेशी शराब और पांच कारवां बरामद किये गये. आरोपियों के आवास से महंगे वाहन बरामद किये गये हैं. पुलिस ने कहा कि इन साइबर अपराधियों ने वाहन डीलरशिप के नाम पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पटना, कोलकाता और अन्य शहरों में कई लोगों को ठगा.
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इन अपराधियों ने पुलिस से बचने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया. पिछले दिनों दिल्ली और राजस्थान के सुदूर गांवों में अपराधियों को पकड़ने गई साइबर क्राइम पुलिस ने बैरंग लौटना पड़ा. कुकटपल्ली निजामपेट के एक व्यवसायी (40) ने इंटरनेट पर किआ कार डीलरशिप की खोज की. उन्होंने मई में निजामाबाद जिला डीलरशिप के बारे में एक वेबसाइट पर ई-मेल भेजा. इस बीच राधिका मिश्रा नाम की महिला ने बिजनेसमैन को फोन किया.
इसके बाद महिला ने डिलरशिप दिलवाने के लिए आवेदन पत्र जमा कराए. इसके बाद एक फर्जी एग्रीमेंट साइन करवाया गया. इस तरह से गिरोह ने बिजनेमैन को विश्वास में ले लिया और फिर डीलरशिप रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 2.65 लाख रुपये ऐंठ लिया. इसके बाद भी उससे अलग अलग प्रक्रियाओं के लिए विभिन्न बैंक खातों में करीब 29 लाख रुपये ऐठे. इस बीच व्यवसायी को शक होने पर कार कंपनी के कस्टमर केयर में बात की जहां उसके साथ ठगी की बात सामने आयी.