बक्सर:बिहार के बक्सरजिले के चर्चित एंबुलेंस मामले को प्रमुखता से दिखाने पर ईटीवी भारत के संवाददाता उमेश पांडेय पर एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर बीजेपी नेता और बक्सर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी ने दर्ज कराई है. बक्सर के सदर थाना में उनपर 500, 506, 290, 420 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी नेता परशुराम चतुर्वेदी ने उमेश पांडेय पर धमकाने, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और बीजेपी की छवि धूमिल करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
14 मई 2021 को ईटीवी भारत ने बक्सर से एक रिपोर्ट प्रकाशित की. जिसका शीर्षक था 'जनता से धोखा! 5 पुराने एम्बुलेंस पर नए स्टिकर लगाकर दूसरी बार वर्चुअल उद्घाटन करेंगे अश्विनी चौबे'.
इस खबर के बाद सूबे में सियासी हंगामा मच गया. हालांकि 15 मई 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सभी एंबुलेंस का दोबारा उद्घाटन किया. इस बीच हमें पता चला कि इन एंबुलेंस का उद्घाटन दूसरी बार नहीं बल्कि चौथी बार कर रहे हैं.
दूसरी बार नहीं चौथी बार छलावा
इस बीच जनता के साथ हुआ एक और छलावा उजागर हुआ. वो ये था कि इन सभी एंबुलेंस का दूसरी बार नहीं बल्कि चौथी बार उद्घाटन किया गया है. इन एंबुलेंस का चौथी बार नाम बदलकर वर्चुअल उद्घाटन किया गया था. ईटीवी भारत ने जन सरोकार से जुड़ी इस खबर से पर्दा हटाया तो सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया. ईटीवी भारत ने इस सवाल के साथ कि 'हद हो गई! केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 2 बार नहीं 4 बार किया एक ही एंबुलेंस का उद्घाटन'.
हालांकि, इस मामले में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का पक्ष भी जानना चाहा. उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन दूसरी तरफ से जवाब नहीं आया. वहीं विवाद ने जब तूल पकड़ा तो पार्टी के स्थानीय नेता इस खबर को लेकर सफाई देने के लिए आगे आए.
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एंबुलेंस विवाद में नया मोड़
एंबुलेंस विवाद मामले में एक नया मोड़ तब आया जब पता चला कि चार बार उद्धाटन हुए एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. बक्सर के जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक ने कहा- 'बीएस-4 मॉडल की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2020 में ही रोक लगा दी है.'
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने जिला परिवहन पदाधिकारी से पूछा कि जब इस गाड़ी से कोई दुर्घटना होगी, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. इस पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले धनुष फाउंडेशन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा. उसके बाद उसके बयान के आधार पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी. सड़क पर वह गाड़ी दिखेगी तो उसे जब्त भी किया जाएगा.
इस खबर को हमने 22 मई 2021 को प्रमुखता से डीटीओ के बयान के साथ प्रकाशित किया था. जिसका शीर्षक था '4 के चक्कर में फंसे चौबे जी! 4 बार उद्घाटन के बाद भी BS-4 मॉडल एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन पर पेंच'.
इस खबर के चलने के दो दिन बाद ही 24 मई 2021 को बक्सर के जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि ''फिलहाल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है, क्योंकि सॉफ्टवेयर में उस तरह का प्रोविजन नहीं है. गाड़ियां अभी भी चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग स्तर पर बात कर रहे हैं. बात करने के बाद दिशा-निर्देश के अनुसार काम किया जाएगा.''
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ईटीवी भारत संवाददाता पर FIR
आखिरकार एंबुलेंस विवाद में बक्सर के ईटीवी भारत संवाददाता उमेश पांडेय पर एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर बीजेपी नेता और बक्सर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी ने दर्ज कराई है.
क्या है एंबुलेंस विवाद?
दरअसल, ईटीवी भारत ने 14 मई, 15 मई, 16 मई, 19 मई, 22 मई और 24 मई 2021 को सभी सबूतों के आधार पर एंबुलेंस विवाद की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर में बक्सर ईटीवी भारत संवाददाता उमेश पांडेय ने बताया था कि कैसे 5 पुराने एम्बुलेंस पर नए स्टिकर लगाकर एक बार नहीं चार बार उद्घाटन किया था.
एक ही एंबुलेंस का 4 बार उद्घाटन
इस एंबुलेंस के पूर्व ड्राइवर सह 102 एंबुलेंस चालक के अध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि सबसे पहले इस एम्बुलेंस का सदर अस्पताल में उदघाट्न किया गया था. दूसरी बार किला मैदान बक्सर में, तीसरी बार रामगढ़ और चौथी बार समाहरणालय सभागर से 6 में से 4 एम्बुलेंस को अलग-अलग विधानसभा के लिए रवाना किया गया.
- पहली बार: सदर अस्पताल में 102 एंबुलेंस के नाम से उद्घाटन
- दूसरी बार:किला मैदान में 'चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार' के नाम से उद्घाटन
- तीसरी बार:कैमूर के रामगढ़ से किया गया उद्घाटन
- चौथी बार:समाहरणालय सभागर से 'महर्षि विश्वामित्र चलंत वाहन' के नाम से उद्घाटन
एंबुलेंस विवाद में सियासी सवाल
एंबुलेंस विवाद की खबर सामने आने के बाद खूब सियासी हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वा यादव से लेकर कांग्रेस और दूसरे दलों के नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से इस मुद्दे पर सफाई मांगी.
''ये महानुभाव केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे जी हैं. 1 दिन का किराया भुगतान कर मंत्री जी तमाम एंबुलेंस को केवल उद्घाटन करने के लिए बक्सर लाते हैं, लेकिन उद्घाटन होने के साथ ही उनका मालिक उसे वापस लेकर चला जाता है. फिर एक साल बाद मंत्री उन्हें बुलाते है और फिर उद्घाटन करते हैं.''-तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
'इस कोरोना काल में जितने भी लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, उन सभी मौतों का जिम्मेदार अश्विनी कुमार चौबे हैं, क्योंकि जब एंबुलेंस की जरूरत थी तो इन्होंने धनुष फाउंडेशन को जिले की 5 एंबुलेंस उठा कर दे दी और लोग कंधों पर उठाकर अपने मरीज को लेकर अस्पताल पहुंच रहे थे.'-संजय तिवारी, कांग्रेस सदर विधायक
''तेजस्वी यादव घर बैठे केवल ट्वीट करते हैं. आपदा में राजद और कांग्रेस के नेता राजनीति चमका रहे हैं. तेजस्वी यादव और मुन्ना तिवारी को पता ही नहीं है कि अश्विनी चौबे ने मेडिकल मोबाइल यूनिट सेवा का शुभारंभ किया गया है न कि एंबुलेंस का उद्घाटन किया है.''-परशुराम चतुर्वेदी, बीजेपी नेता
''जिस मकसद के लिए एंबुलेंस लिया गया था. उस मकसद में पहली बार 15 मई को ही उद्घाटन हुआ है. इससे पहले जिस उद्घाटन की बात कही जा रही है. उस समय वो लोकहित में अस्थायी उद्घाटन किया गया था.''-राणा प्रताप सिंह, बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष
FIR पर आरजेडी की प्रतिक्रिया
बक्सर में ईटीवी भारत के रिपोर्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की आरजेडी ने कड़ी निंदा की है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि ईटीवी भारत मुस्तैदी से अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहा है.
"अगर हमारे रिपोर्टर नहीं होते तो बक्सर में गंगा में बहती लाशों को न्याय नहीं मिलता. राजद नेता ने कहा कि सरकार ने अपनी गलती छुपाने के लिए रिपोर्टर पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. हम सभी लोग आपके साथ खड़े हैं और जहां जैसी जरूरत पड़ेगी हम अपनी भूमिका निभाएंगे." -जगदानंद सिंह, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष
नोट: एंबुलेंस विवाद मामले में ईटीवी भारत अपनी खबर पर कायम है और सच के साथ है.