अमृतसर : आखिरकार पाकिस्तान के हिंदू परिवार ( Hindu family of Pakistan ) के बेटे 'बॉर्डर' को दिल्ली में पाकिस्तान प्राधिकरण से वीजा मिल गया है. उसका पासपोर्ट बनकर तैयार है और अब वह कल तक अपने परिवार के साथ स्वदेश लौट जाएगा.
दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास ने पासपोर्ट जारी किया. परिवार कल सुबह अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान के लिए रवाना होगा. दरअसल, पाकिस्तान से आया परिवार पिछले ढाई महीने से अमृतसर में अटारी-वाघा बॉर्डर पर कोरोना और लॉकडाउन के चलते फंसा हुआ था. इस बीच, परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ. परिवार को बॉर्डर पार करने से रोक दिया गया क्योंकि नवजात के पास पासपोर्ट नहीं था. इसी वजह से परिवार पाकिस्तान नहीं जा सका था.
परिवार के सदस्यों ने मीडिया को बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले हिंदुओं का एक समूह पाकिस्तान से भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने और हिंदू मंदिरों के दर्शन करने आया था. हालांकि, वे अपने देश नहीं लौट सके क्योंकि उनका वीजा समाप्त हो गया था. आवश्यक दस्तावेजों को पूरा न करने के कारण वे ढाई महीने से भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाले अमृतसर में अटारी-वाघा बॉर्डर पर रह रहे थे. इस दौरान 2 दिसंबर को बच्चे का जन्म हुआ.
बच्चे का नाम 'बॉर्डर' रखा
पाकिस्तान के राजनपुरा गांव के रहने वाले बालम राम ने बताया कि उनका परिवार तीर्थ यात्रा पर आया था. पत्नी को दो दिसंबर को प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में बालम राम ने अपने बेटे का नाम बॉर्डर रखने का फैसला किया. उसने कहा कि उसका बेटा बड़ा होकर याद रखेगा कि उसका नाम कैसे रखा गया.
पढ़ें- नवजात का पासपोर्ट नहीं होने के कारण पाक नागरिकों को अटारी सीमा से वापस भेजा गया