दिल्ली

delhi

By

Published : Dec 10, 2021, 4:07 PM IST

ETV Bharat / bharat

Farmers Movement Postponed: सिंघु-कुंडली बॉर्डर से किसान हटाने लगे टेंट, तोड़े अस्थायी मकान

दिल्ली बॉर्डर पर 378 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया (Farmer Protest Postponed) है. दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु और कुंडली बॉर्डर पर किसानों ने अपने धरना स्थल से टेंट हटाना शुरू कर दिए हैं.

Farmers' tents started moving
हटने लगे किसानों के टेंट

सोनीपत : दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा ने वीरवार को स्थगित कर दिया (Farmer protest Postponed). इसके बाद सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर धरना स्थल पर किसानों द्वारा बनाए गए पक्के मकानों को तोड़ना किसानों द्वारा शुरू कर दिया गया (Farmers removing Tents Kundli Border) है. वहीं इस मकान से निकलने वाली ईटों को किसानों के लिए बनने वाले शहीद स्मारकों में भी दिया जाएगा.

26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन शुरू किया गया था. किसानों ने नेशनल हाईवे-44 कुंडली बॉर्डर पर पक्के मकान और अस्थाई घर बना डाले ताकि कड़कड़ाती सर्दी और तेज बारिश और धूप से बचा जा सके.

आंदोलन स्थगित होने के बाद किसान तोड़ने लगे पक्के मकान, मृतक किसानों के स्मारक में लगाएंगे ईंटें

अब सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेते हुए (Farm Laws Repeal Bill) उन पर दर्ज मुकदमे हटाने की मांगों को मान लिया (Cases Against Farmers) हैं. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया. अब किसान अपने अस्थाई घर और पक्के मकान नेशनल हाईवे-44 से हटा रहे हैं.

सोनीपत कुंडली बॉर्डर चल रहे किसान आंदोलन में बने इन पक्के मकानों में सीसीटीवी कैमरे से लेकर हर तरह की सुविधा किसानों ने बना रखी थी. अब इस मलबे को लेकर किसान पंजाब जाएंगे. वहां पर दिल्ली जीत के नाम से एक और ऐसा ही मकान तैयार किया जाएगा. वहीं इस मकान से निकलने वाली ईंटों को किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के शहीद स्मारक में भी इस्तेमाल किया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन दोआबा के किसान नेता गुरमीत सिंह ने कहा कि 1 साल पहले जब किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. तब यह पक्का मकान हमने हाईवे पर बनाया था. इस मकान में 19 हजार ईंटें लगी थी. 19 हजार ईंटों से तीन कमरे बनाए गए थे. इनमें एसी, फ्रिज और सीसीटीवी जैसी सारी व्यवस्था की गई थी.

इस मकान का निर्माण करने वाले किसान गुरमीत ने कहा कि इस मकान को बनाने के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपए का खर्चा आया था. अब हम संयुक्त किसान मोर्चा के एलान के बाद घर वापसी कर रहे हैं तो मकान को नेशनल हाईवे-44 से हटा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- Farmers Protest : किसान आंदोलन स्थगित, 11 दिसंबर से घर लौटेंगे आंदोलनकारी

उन्होंने कहा कि ऐसा ही मकान ही पंजाब में बनाएंगे. उसका नाम दिल्ली जीत रखेंगे. उन्होंने कहा कि इस मकान से निकलने वाली ईंटों को हम आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की स्मारक में भी देंगे ताकि हम याद रखें कि हम दिल्ली जीत कर घर लौटे हैं और उनकी शहादत बेकार नहीं गई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details