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कर्नाटक मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे को जगह नहीं: बोम्मई

कर्नाटक मंत्रिमंडल का विस्तार करना नए मुख्यमंत्री की पहली बड़ी चुनौती मानी जा रही है क्योंकि उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर गुटों के बीच संतुलन बनाकर रखना होगा. पार्टी में मंत्री पद के लिए पुराने और नए नेताओं समेत कई नेता दावेदार हैं.

कर्नाटक मंत्रिमंडल के विस्तार में नहीं मिली जगह
कर्नाटक मंत्रिमंडल के विस्तार में नहीं मिली जगह

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Published : Aug 4, 2021, 1:05 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल का विस्तार आज अपराह्र में होगा.

सीएम बोम्मई ने सबको चौंकाते हुए बताया कि नए मंत्रियों की लिस्ट में पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र का नाम नहीं है. बीएसवाई और उनकी टीम अंतिम क्षणों तक विजयेंद्र को मंत्री पद दिलाने के लिए संघर्ष करती दिखी, लेकिन उनको निराशा हाथ लगती दिख रही है. जो खबरें मिली हैं उसके मुताबिक हाईकमान ने विजयेंद्र को मंत्री पद देने से साफ इनकार कर दिया है. वहीं, सीएम पद के प्रबल दावेदार अरविंद बेलाड का भी नाम लिस्ट से गायब है. हालांकि राजनीति में कभी कोई चीज पक्की नहीं होती है इसलिए इसका अंतिम फैसला तो कैबिनेट विस्तार से कुछ क्षण पहले ही साफ होगा.

पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र

इससे पहले अब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि नए मंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आज दोपहर 2.15 बजे शुरू होगा. अब तक सीएम बोम्मई ने 29 विधायकों को फोन कर चुके हैं.

यहां हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के नए मंत्री आज अपराह्र सवा दो बजे शपथ लेंगे. बाद में विधानसौध में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतृत्व के साथ विस्तृत चर्चा की गयी है, एक या दो मुद्दे अब भी लंबित हैं. उन्होंने कहा कि इसके बाद जिन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, उन्हें सूचित किया जाएगा. अंतिम वक्त तक भ्रम के बारे में बोम्मई ने कहा कि कोई भ्रम नहीं है, विचार-विमर्श चल रहा है, हमारी राष्ट्रीय पार्टी है. उपमुख्यमंत्रियों की संख्या पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब सूची जारी होगी तो इन सारी जानकारियों का पता चल जाएगा.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

गत हफ्ते बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नए नेता निर्वाचित हुए बोम्मई ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के बाद बोम्मई दो बार दिल्ली गए। मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम मंजूरी देने के लिए बोम्मई और केंद्रीय नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में गहन विचार-विमर्श हुआ.

पढ़ें:कर्नाटक कैबिनेट गठन : दोपहर 2.15 बजे मंत्रियों को दिलाई जाएगी शपथ

मंत्रिमंडल का विस्तार करना नए मुख्यमंत्री की पहली बड़ी चुनौती मानी जा रही है क्योंकि उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर गुटों के बीच संतुलन बनाकर रखना होगा. पार्टी में मंत्री पद के लिए पुराने और नए नेताओं समेत कई नेता दावेदार हैं. साथ ही कुछ ऐसे विधायक भी इस दौड़ में शामिल हैं जो 2019 में कांग्रेस-जनता दल(सेक्यूलर) गठबंधन छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे.

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