अमरावती :आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पेनुमारु मंडल में लक्कलापुडी वंडलूर (Lakkalapudi vandluru ) और समृद्धि पल्ली (Samireddipalle) ऐसे गांव हैं जो अपने सरपंचों के उपनाम से जाने जाते हैं. वजह 1995 के बाद से दो बार को छोड़कर हर बार इन्हीं परिवारों से सरपंच और पंच चुने गए. दशकों तक इन परिवारों ने इस कदर विकास कार्य कराए कि गांव वालों ने हर बार इन्हें मौका दिया. गांव में स्वच्छ पानी, स्कूल, परिवहन सुविधाएं सबकुछ है.
पेनुमारु मंडल का छिन्नमारेड्डीकेंड्रिगा (Chinnamareddykandriga) गांव पूर्व में एक पंचायत थी जिसमें बंदामिदुर, चिकलगुट्टा, वेंकटेशापुरम, वासुदेवपुरम, कालीकिरीवंडला और लांकीपल्ले गांव थे. लकलापुडी परिवार ने चिन्नमारेड्डी ग्राम पंचायत के लिए लंबे समय तक सरपंच के रूप में काम किया.
लक्कलापुडी वेंकटाड्री नायडू ने करीब 10 साल तक सेवा की. उनके सबसे छोटे बेटे लक्कलापुडी मुनीस्वामी नायडू को सरपंच चुना गया. बाद में वेंकटादिनयुडु के पुत्र लक्कलापुडी मुनिरत्नम नायडू ने छिन्नमारेड्डीकेंड्रिगा के सरपंच और उप सरपंच के रूप में काम किया.
पंचायत केंद्र छिन्नमारेड्डीकेंड्रिगा और बाकी गांवों के बीच की दूरी बहुत अधिक होने के कारण पंचायत बनाने के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे, जिसमें वे आसपास के गांवों को शामिल करते थे.
वर्ष 1995 में वेंकटेशापुरम, वासुदेवपुरम, कालीकिरीवंडला और लांकीपल्ले गांवों को छिन्नमारेड्डीकेंड्रिगा से अलग किया गया और नई पंचायत बनाई गई. इन गांवों में लकलापुडी उपनाम के लोग बड़ी संख्या में थे, जिस कारण आसपास के गांव वालों की सहमति के साथ एक ग्राम पंचायत का नाम लकलापुडी वंडलूर तय किया गया.