नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी कर्मचारी और शिक्षक किसी समुदाय के या किसी श्रेणी के छात्र के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करे.
आयोग ने विश्वविद्यालयों से वर्ष 2020-21 के दौरान जाति आधारित भेदभाव की शिकायतों एवं उनके संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा, 'कर्मचारियों और शिक्षकों को सामाजिक पृष्ठभूमि के आधार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के खिलाफ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए. विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई कर्मचारी और शिक्षक किसी समुदाय के या किसी श्रेणी के छात्र के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करे.' उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, संस्थान या महाविद्यालय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों द्वारा ऐसी शिकायतें दर्ज कराने के लिये अपनी वेबसाइट पर पेज तैयार कर सकते हैं और पंजीयक एवं प्राचार्य के दफ्तर में शिकायत पुस्तिका रख सकते हैं.
जैन ने अपने पत्र में कहा कि अगर अधिकारियों के संज्ञान में ऐसी कोई घटना आती है तब ऐसे कर्मचारियों या शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.