नई दिल्ली :बोर्ड एग्जाम को लेकर देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षार्थियों से संवाद किया. जिसमें उन्होंने कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही परीक्षाओं को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है.
अगस्त में होंगी वैकल्पिक परीक्षाएँ
कोविड-19 के चलते सीबीएसई दसवीं कक्षा, 11वीं कक्षा और 12वीं कक्षा के परिणामों के आधार पर 12वीं कक्षा के छात्रों के अंक मूल्यांकन में क्रमश: 30:30:40 के फार्मूले पर काम कर रहा है. जिसको लेकर शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि मूल्यांकन के लिए जो पद्धति CBSE ने तैयार की है उसके माध्यम से छात्रों की योग्यता और प्रखरता का सही मूल्यांकन हो पायेगा. बावजूद इसके यदि किसी भी छात्र को यह शंका हो कि उनका मूल्यांकन उनके उम्मीदों के अनुसार नहीं हुआ है तो उनके लिये लिखित परीक्षा का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा.
बता दें, CBSE के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति दे दी है, जिसके बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है. शिक्षा मंत्री ने इसके लिये सुप्रीम कोर्ट का भी आभार व्यक्त किया. शिक्षा मंत्री ने संवाद के दौरान कहा कि छात्रों के मन में कई तरह के सवाल और आशंकाएं होना स्वाभाविक है लेकिन उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. मूल्यांकन में सभी की योग्यता के साथ न्याय होगा और जिन्हें लगेगा कि उनका मूल्यांकन उनके योग्यता अनुसार नहीं हुआ उन्हें जरूर विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. यह वैकल्पिक परीक्षाएं शिक्षा मंत्री ने अगस्त में कराए जाने की बात कही है.
छात्रों को आश्वस्त करने का प्रयास
हालांकि खराब स्वास्थ्य के चलते आज शिक्षा मंत्री निशंक छात्रों से सीधे संवाद नहीं कर सके. उनका संबोधन प्री रिकॉर्डेड संदेश के रूप में उनके सोशल मीडिया पर लाइव किया गया. साढ़े 3 मिनट के संदेश में शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षार्थियों की आशंका को को दूर कर उन्हें आश्वस्त करने का प्रयास किया.