नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्वी ग्रुप के चेयरमैन और एमडी सी पार्थसारथी (ED has arrested C Parthasarathy) और सीएफओ जी हरि कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें दो हजार करोड़ रुपये के सुरक्षा घोटाले (Rs 2000 Crore Security Scam) में गिरफ्तार किया गया है. अदालत में पेश किये जाने के बाद उन्हें चार दिनों के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया गया है.
कार्वी समूह के सीएमडी कोमांदूर पार्थसारथी और सीएफओ जी कृष्ण हरि पर ऋण लेने और बाद में ऋण चूकाने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय निगमों (एनबीएफसी) के साथ प्रतिभूतियों को गिरवी रखने का भी आरोप है. इन दोनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया है.
ED ने हैदराबाद पुलिस में एचडीएफसी बैंक द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के मामले की जांच शुरू की. हैदराबाद पुलिस के पास पार्थसारथी और जी कृष्ण हरि के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है. इतना ही नहीं, अन्य कुछ बैंकों और कुछ निवेशकों द्वारा भी प्राथमिकी दर्ज की गईं है.
इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने कार्वी समूह के विभिन्न कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं और पिछले साल 22 सितंबर को नौ स्थानों पर तलाशी भी ली थी. ED ने बताया कि इस जांच से कार्वी समूह के वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा अपने ग्राहकों की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग करने और धोखाधड़ी से ऋण जुटाने का खुलासा हुआ है.
ईडी ने कहा कि जिन ग्राहकों के शेयर कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (Karvy Stock Broking Limited - KSBL) के साथ कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें भी KSBL के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था और अन्य बैंकों और एनबीएफसी के साथ गिरवी रखा गया था.