दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पूर्वांचल में पहली बार रोगी को मिला 'वरदान', ब्लैक फंगस के मरीज का डॉक्टर्स ने बनाया कृत्रिम जबड़ा

मरीज 2021 में आई कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस का शिकार हो गया था. उसका ऊपरी दाहिना जबड़ा पूरी तरह से गल गया था. तालू में भी छेद हो गया था.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Apr 12, 2023, 10:17 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दन्त चिकित्सा विज्ञान संकाय के ओरल एवं मैक्सिलोफेसियल सर्जरी यूनिट के डॉक्टरों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है. डॉक्टर्स ने पूर्वांचल क्षेत्र में पहली बार ब्लैक फंगस के मरीज का जबड़ा प्रत्यारोपित किया है. मरीज के लिए कृत्रिम जबड़ा कंप्यूटर एडेड डिजाइन एवं कंम्प्यूटर ऐडेड मैन्युफैक्चरिंग पद्धति द्वारा तैयार किया गया है.

जिस मरीज का जबड़ॉ प्रत्यारोपित किया गया वह 2021 में आई कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस का शिकार हो गया था. मरीज का ऊपरी दाहिना जबड़ा (मैक्सिला बोन) पूरी तरह से गल गया था. तालु में छेद हो गया था. ऐसे में मरीज का दाहिना जबड़ा पूरा निकालना पड़ा. इसके बाद मरीज खाना नहीं खा पा रहा था. जो भी खाता-पीता था वह नाक के रास्ते निकल जा रहा था.

Artificial Jaw

3D पद्धति का किया गया उपयोगः दन्त चिकित्सा विज्ञान संकाय के सर्जरी यूनिट के प्रो. नरेश कुमार शर्मा एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने मरीज का जबड़ा 3D प्रिंटेड टाइटेनियम विधि द्वारा प्रत्यारोपित करने का निर्णय लिया. इसके लिए मरीज का 3D सीटी स्कैन किया गया. फिर अत्याधुनिक तकनीक की कंप्यूटर एडेड डिजाइन एवं कंम्प्यूटर ऐडेड मैन्युफैक्चरिंग पद्धति से कृत्रिम जबड़ा तैयार किया गया.

मरीज अब खाना खा सकेगा और बोल भी सकेगाः चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन में मरीज के चेहरे पर कोई भी चीरा नहीं लगाया गया. मैक्सिलियरी वैस्टीवुलर इन्सीजन एप्रोच से कृत्रिम जबड़े को स्क्रू से जाइगोमैटिक बोन में प्रत्यारोपित किया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज अब खाना खा सकेगा और उनके बोलने का उच्चारण भी स्पष्ट होगा. कृत्रिम जबड़े में दांत लगाने की भी सुविधा मौजूद है, जो कि तीन महीने बाद दूसरे स्टेज में किया जाएगा. मरीज का तालू का छेद भी बन्द कर दिया गया.

तीन घंटे चला ऑपरेशनः दन्त चिकित्सा विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव भी इस ऑपरेशन के दौरान साथ मे थे. ऑपरेशन सफलतापूर्वक तीन घन्टे की अवधि में पूरा किया गया. ऑपरेशन करने वालों में प्रो. नरेश कुमार शर्मा, एसोसिएट प्रो. अखिलेश कुमार सिंह थे. वहीं, इनके साथ दंत चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों का भी पूरा सहयोग था. इन सभी चिकित्सकों को प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि वे 3D प्रिंटिंग मशीन को लाने के लिए प्रयासरत हैं.

ये भी पढ़ेंः बार एसोसिएशन अध्यक्ष बोले, हम हाईकोर्ट के मातहत नहीं, जिला जज का तबादला होने पर ही खत्म होगी हड़ताल

ABOUT THE AUTHOR

...view details