चंडीगढ़: रेप और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से पैरोल मिल गई है. रोहतक के सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से पैरोल पर जेल से बाहर आ रहा है. जानकारी के अनुसार, राम रहीम कल यानी शनिवार को किसी भी समय जेल से बाहर आ सकता है. पैरोल के दौरान राम रहीम बरनावा में ही आश्र में रहेगा.
बता दें कि अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे राम रहीम को इससे पहले अक्टूबर, 2022 में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी. जो 25 नवंबर को पैरोल की अवधि खत्म हुई थी. एक बार फिर से राम रहीम पैरोल पर जेल से बाहर आ रहा है.
इससे पहले गुरुवार, 19 जनवरी को हरियाणा के जेल मंत्री ने चौधरी रणजीत सिंह चौटाला कहा था कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पैरोल को लेकर याचिका दायर की है. गुरमीत राम रहीम ने 25 जनवरी को शाह सतनाम सिंह के जन्मदिन में शामिल होने के लिए अर्जी लगाई थी. तीन दिन पहले राम रहीम ने जेल प्रशासन को एप्लीकेशन भेजा था. बताया यह भी जा रहा है कि डिविजनल कमिश्नर पैरोल पर फैसला करने वाले हैं. इससे पहले भी राम रहीम को 30 दिन की पैरोल और 40 दिनों की फरलो मिल चुकी है.
ऐसे मिलती रही पैरोल: बता दें कि डेरा प्रमुख राम रहीम को को सबसे पहले 24 अक्टूबर 2020 को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल दी गई थी. इससे पहले 12 मई 2021 को उनकी तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई रोहतक ले जाया गया था. 17 मई 2021 को बीमार मां से मिलने के लिए उन्हें फिर से पैरोल दी गई थी. 3 जून 2021 को तबीयत बिगड़ने पर फिर से पीजीआई रोहतक ले जाया गया था और 6 जून 2021 को गुरुग्राम के मेदांता में दाखिल करवाया गया था.
वहीं, साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम को पहली बार 21 दिन के लिए 7 फरवरी 2022 को फरलो मिली थी. इसके बाद 17 जून को 30 दिन के लिए पैरोल मिली थी. बाद में अक्टूबर 2022 में राम रहीम को फिर से 40 दिन की पैरोल दी गई थी. इन 40 दिनों में राम रहीम ने गीत भी गाए वीडियो भी बनाए और सत्संग भी किए थे.
राम रहीम को दोषी करार देने के बाद हुई थी हिंसा: गौर रहे कि, 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था और 28 अगस्त 2017 को उन्हें 20 साल की सजा सुनाई थी. जब डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया गया तो पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी. इस हिंसा में हरियाणा के पंचकूला में 32 लोग जबकि सिरसा में 6 लोग मारे गए थे, जबकि करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था.
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