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पॉलिश्ड हीरों की बढ़ी मांग, डी-बियर्स ने रफ डायमंड की कीमत में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की

पॉलिशड हीरों की बढ़ती मांग के कारण डी-बियर्स ने कच्चे हीरों की कीमत में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है. दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी डी-बियर्स ने कच्चे हीरों की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वर्ष 2019 की तुलना में हीरा उद्योग के साथ-साथ रत्न एवं आभूषण उद्योग ने इस वर्ष महत्वपूर्ण मुनाफा कमाया है. इस साल निर्यात में तेजी आ रही है.

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Published : Jun 18, 2021, 11:23 AM IST

Updated : Jun 18, 2021, 12:43 PM IST

पॉलिश्ड हीरों की बढ़ी मांग
पॉलिश्ड हीरों की बढ़ी मांग

सूरत :पॉलिशड हीरों की बढ़ती मांग के कारण डी-बियर्स ने कच्चे हीरों की कीमत में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है. दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी डी-बियर्स ने कच्चे हीरों की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है. चालू वर्ष की पांचवीं साइट हाल ही में गैबोरोन में खोली गई थी जिसमें उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले हीरों की कीमतें अधिक होने की घोषणा की गई है. हीरा उद्योग से जुड़े व्यापारी इन सभी चीजों को हीरा उद्योग के लिए अच्छा मानते हैं.

पॉलिश्ड हीरों की बढ़ी मांग

कोरोना काल मे भी पिछले डेढ़ साल में हीरा उद्योग में अच्छी तेजी देखी है. पॉलिशड हीरों से बने गहनों की यूरोपीय देशों में काफी मांग है. इस बीच, खनन कंपनियों ने पिछले साल कोरोना के मद्देनजर कच्चे उत्पादन में कटौती की. जो अभी भी कम है. इस प्रकार पॉलिशड हीरों की बढ़ती मांग के बाद बाजार में रफ की भी मांग है. इसलिए खनन कंपनियां अब ज्यादा दाम वसूल रही हैं.

पॉलिशड हीरे की कीमत 7 फीसदी तक बढ़ी

हीरा व्यापारी नीलेश बोडकी ने कहा कि, अफ्रीकी देशों और रूस में हीरे की खदानों में कच्चे उत्पादन में 50 फीसदी की कमी आई है. वहीं, रफ की कमी से सूरत और मुंबई के घरेलू बाजारों में रफ की कीमत प्रीमियम के बाद 15 फीसदी तक बढ़ गई है. नतीजतन, पॉलिशड हीरे की कीमत 7 फीसदी तक बढ़ गई है. एंटवर्प में भी एक महीने बाद हीरा बाजार शुरू हो गया है. ज्यादातर ऑनलाइन कारोबार चल रहा है. सूरत के व्यापारी भी टेंडर के जरिए ऑनलाइन सामान खरीदते हैं. रैपापोर्ट में भी पुलिस हीरे की कीमत बढ़ गई है. ये सभी सुविधाएं हीरा उद्योग के लिए अच्छी हैं.

हीरा की मांगों में तेज

जनवरी में डी-बियर्स (D-Bears) की 663 मिलियन साइट थी. बिना बिके माल एसे ही पड़ा रह गया जिसके चलते फरवरी में साइट घटाकर 550 मिलियन डोलर और मार्च में 450 मिलियन डोलर पहुंच गई. यह साइट मई में 380 मिलियन डोलर थी जो की सबसे कम थी. इससे पता चलता है कि मई तक हीरा उद्योग में कारोबार कमजोर था, लेकिन अचानक जून की शुरुआत में यूरोपीय देशों और चीन, हांगकांग में सुधार आने की बजह से हीरा की दुकानों में तेजी देखी गई.

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सोने के आभूषणों में 60 प्रतिशत की गिरावट

वर्ष 2019 की तुलना में हीरा उद्योग के साथ-साथ रत्न एवं आभूषण उद्योग ने इस वर्ष महत्वपूर्ण मुनाफा कमाया है. इस साल निर्यात में तेजी आ रही है. जेम ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा कि अप्रैल 2019-20 की तुलना में अप्रैल 2020-21 में निर्यात में हीरे की कटाई और पॉलिश करने में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि लेब्रोन हीरे में 360 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. निर्यात में शत-प्रतिशत वृद्धि हुई है. आभूषण क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि चांदी के आभूषणों में 250 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. दूसरी ओर, प्लेटिनम के आभूषणों के निर्यात में 125 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, लेकिन सोने के आभूषणों में 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. रत्न और आभूषण क्षेत्र जो एक अलग हिस्सा है. एक को छोड़कर सभी का सकारात्मक परिणाम होता है.

कोरोना की लहर

पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा कि दुनिया में कोरोना का कहर था. इस वजह से लोगों का मानना ​​है कि यह स्थिति चीन की वजह से है. चीन को जो ऑर्डर मिले थे, वे अब भारतीय उद्योगपतियों को मिल रहे हैं. इतना ही नहीं भारत से करीब 75 फीसदी खरीदारी अमेरिका में होती है और अब अमेरिका में कोरोना की स्थिति सामान्य हो गई है ताकि खरीदारी का अनुपात भी बढ़े.

Last Updated : Jun 18, 2021, 12:43 PM IST

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