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Deshmukh granted bail : मनी लॉन्ड्रिंग केस में देशमुख को जमानत, लेकिन अभी जेल में ही रहना पड़ेगा

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है (Deshmukh granted bail). हालांकि जमानत सिर्फ ईडी मामले में मिली है. सीबीआई ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर रखा है, इसलिए वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे. हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर 13 अक्टूबर तक रोक लगा दी है.

Decision on Anil Deshmukh's bail plea today in Money Laundering Case
देशमुख को मिली जमानत

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Published : Oct 4, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Oct 4, 2022, 3:56 PM IST

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (72) की जमानत याचिका पर आज फैसला आया. देशमुख को जमानत मिल गई है (Deshmukh granted bail). जमानत एक लाख रुपये की जमानत राशि पर दी गई है. हालांकि ईडी मामले में जमानत के बाद भी वह अपने खिलाफ दर्ज सीबीआई मामले में सलाखों के पीछे रहेंगे (he will remain behind the bars in CBI case). हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर 13 अक्टूबर तक रोक लगा दी है. क्योंकि ईडी ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

न्यायमूर्ति एन जे जामदार ने यह आदेश सुनाया. इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की याचिका पर तेजी से सुनवाई और फैसला करे, क्योंकि यह छह महीने से लंबित है. देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने दलील दी कि उनकी उम्र (72), स्वास्थ्य और उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने के मद्देनजर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि देशमुख को ऐसी कोई बीमारी नहीं है, जिसका जेल अस्पताल में इलाज नहीं किया जा सकता.

ईडी ने देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.

ईडी ने दावा किया कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए. ईडी ने आरोप लगाया गया कि गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साई शिक्षण संस्थान को भेजा गया, जो उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षणिक ट्रस्ट है.

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Last Updated : Oct 4, 2022, 3:56 PM IST

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