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वाराणसी के इस गांव में अब नहीं होगी तेरहवीं, जानिए ग्रामीणों ने क्यों लिया ऐसा फैसला?

वाराणसी के एक गांव में नई परंपरा शुरू करने का निर्णय सभी ग्रामीणों ने लिया है. ग्रामीणों ने गांव में किसी के मरने पर कफन ओढ़ाने औ तेरहवीं न करने का निर्णय लिया है. आइए जानते हैं कि ग्रामीणों ने ऐसा निर्णय क्यों लिया...

ग्रामीणों ने तेरहवीं न करने का लिया फैसला.
ग्रामीणों ने तेरहवीं न करने का लिया फैसला.

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Published : Jun 7, 2023, 4:17 PM IST

Updated : Jun 7, 2023, 5:21 PM IST

ग्रामीणों ने तेरहवीं न करने का लिया फैसला.

वाराणसी : देश के विभिन्न हिस्सों में मृत्यु भोज को बंद करने का रिवाज जो शुरू हुआ है, इसी का अनुसरण जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने किया है. हरहुआ विकासखंड अंतर्गत वाजिदपुर ग्राम सभा में अब तेरहवीं न करने का निर्णय सर्व सहमति से लिया गया है. तेरहवीं की जगह पर मृतक के नाम पर पौधा लगाया जाएगा एवं गरीब परिवार के बच्चों के पढ़ाई और बेटियों की शादी का खर्च वहन किया जाएगा. गांव वालों द्वारा लिए गए फैसले की चारों तरफ तारीफ हो रही है. इस फैसले के बाद आसपास के गांव के प्रधानों और ग्रामीणों का कहना है कि परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद दु:ख की घड़ी में इस तरह का आयोजन होना गलत है. ऐसे में यह अच्छा निर्णय लिया गया है.

शव पर कफन भी नहीं ओढाया जाएगा
वाजिदपुर ग्राम सभा में स्थित पंचायत भवन पर बुधवार सुबह में ग्राम प्रधान और प्रधान संघ हरहुआ ब्लाक के अध्यक्ष लालमन यादव और उनके छोटे भाई हरहुआ सेक्टर नंबर दो के जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव द्वारा ग्रामीणों की एक सभा बुलाई गई. इस सभा के दौरान ग्राम प्रधान लालमन यादव ने कहा गया कि गांव में अब किसी भी व्यक्ति का निधन हो जाने पर तेरहवीं का आयोजन नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कफन भी नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दुःखद घड़ी में इस तरह का आयोजन अच्छा नहीं हैं. वहीं, कफन कुछ समय के लिए ही होता है उसके बाद वह जल जाता है.

तेरहवीं में खर्च होने वाले पैसे से गरीब परिवार की मदद
ऐसे में तेरहवीं में खर्च होने वाले रुपये को गांव की एक कमेटी बनाकर उसमें जमा किया जाएगा. जरुरत पड़ने पर गांव के रहने वाले गरीब परिवारों को उसी रुपये से मदद की जाएगी. गरीब परिवार की बेटियों की शादी व गरीब छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी उसी पैसे से कराई जाएगी. कमेटी द्वारा सार्वजनिक रूप से निर्णय लेने के बाद यह सब किया जाएगा, जिससे किसी को कोई आपत्ति न हो.

तेरहवीं के दिन गांव में होगी शोक सभा
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव ने कहा कि तेरहवीं के दिन ही गांव में एक शोक सभा आयोजित की जाएगी. शोक सभा के बाद गांव में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर या मृतक की भूमि में उनके जितने पुत्र होंगे उनके द्वारा उतने पौधे लगाए जाएंगे. पौधों को ही माता-पिता मानकर बेटों द्वारा उनकी सेवा की जाएगी. ऐसे में पौधे के रूप में माता-पिता सदैव हमारे बीच रहेंगे और उसे आने वाली पीढियां भी याद रखेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने से जहां सरकार द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण अभियान को बल मिलेगा. वहीं पर्यावरण प्रदूषण कम होगा. इसके अलावा गांव का वातावरण शुद्ध होगा और लोगों को खाने के लिए फल भी मिलते रहेंगे.

तेरहवीं करने वाले का किया जाएगा बहिष्कार
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मराज यादव ने कहा कि गांव में सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया गया है और इस निर्णय को लेकर सभी लोग सहमत हैं. बावजूद इसके यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस निर्णय को अनदेखा करते हुए तेरहवीं का आयोजन किया जाता है तो उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अपने गांव में तेरहवीं का सामूहिक बहिष्कार करने के अलावा दूसरे गांव में भी आयोजित होने वाले तेरहवीं कार्यक्रम में हम लोग शामिल नहीं होंगे. ग्रामीणों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद हरहुआ ब्लाक के चक्का ग्राम प्रधान मधुबन यादव, हरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हाशमी, औरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय पटेल, कोईराजपुर ग्राम प्रधान मोदी यादव, आयर ग्राम प्रधान सूर्य प्रकाश, अटेसुआ ग्राम प्रधान मटरू, चमाव के ग्राम प्रधान मुकेश पटेल सहित अन्य प्रधानों द्वारा इस निर्णय की सराहना की गई.

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Last Updated : Jun 7, 2023, 5:21 PM IST

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