नई दिल्ली : देश भर में साइबर ठगों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. आये दिन साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. दार्जिलिंग से बीजेपी सांसद राजू बिस्ता की कंपनी सूर्य रोशनी लिमिटेड भी ऐसे ही एक साइबर फ्रॉड का शिकार हो गई है, जिसमें साइबर ठगों ने कंपनी के सीजीएम मो बेवकूफ बनाते हुए कंपनी के एकाउन्ट से 10 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिया.
मामला 23 मार्च का है, जब साइबर ठगों ने कंपनी के सीजीएम को झांसे में लेकर उनसे 10 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए. कंपनी के सीजीएम (अकाउंटेंट) विजय शंकर गुप्ता ने 24 मार्च को साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि 23 मार्च की शाम करीब 5:30 बजे उनके व्हाट्सएप पर कॉल आई, लेकिन उठाने से पहले ही फोन कट गया. विजय शंकर ने देखा की मिस्ड कॉल वाले नंबर पर कंपनी के एमडी राजू बिस्ता की फोटो लगी है. साथ ही 4 से 5 मैसेज भी आए हुए हैं.
मैसेज अंग्रेजी में था, जिसमें कॉलर ने सांसद के रूप में अपना परिचय देते हुए बताया कि यह उनका व्यक्तिगत फोन नंबर है. वह एक जरूरी बैठक में हैं. इसलिए फोन न किया जाए. मैसेज में तुरंत 10 लाख रुपये RTGS करने के लिए कहा गया था. नंबर पर सांसद की फोटो लगी थी, इसलिए विजय शंकर ने तुरंत उस पर ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके लिए उन्होंने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर विनोद गोयल को भी फोन कर जल्द काम करने के लिए कहा.
साइबर ठगों ने भाजपा सांसद की कंपनी को लगाया 10 लाख का चूना
दार्जिलिंग से बीजेपी सांसद राजू बिस्ता की कंपनी सूर्य रोशनी लिमिटेड भी ऐसे ही एक साइबर फ्रॉड का शिकार हो गई है, जिसमें साइबर ठगों ने कंपनी के सीजीएम को बेवकूफ बनाते हुए कंपनी के एकाउन्ट से 10 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिये.
इस दौरान ठगों ने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर विनोद गोयल को फोन कर के खुद को सांसद का पीए कृष्णा बताते हुए, जल्द पैसे ट्रांसफर करने की बात कही. जब ठगों के एकाउन्ट में 9 लाख 90 हजार 972 रुपये ट्रांसफर हो गए, तो ठगों ने और पैसों की मांग की, जिसके बाद विजय शंकर को शक हुआ. उन्होंने सांसद के पीए को फोन कर इसकी जानकारी दी, तो मामले का खुलासा हुआ, जब तक विजय शंकर ने बैंक अधिकारी को फोन कर इसकी जानकारी दी, तब तक ठगों ने उन पैसों को किसी अन्य एकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिया. इस मामले में मध्य जिला साइबर पुलिस ने 24 मार्च को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वारदात में प्रयुक्त बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर के सहारे ठगों की तलाशा की जा रही है.
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