संयुक्त राष्ट्र :'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा: साइबर सुरक्षा विषय' पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक को डिजिटल (digital) तरीके से संबोधित करते हुए विदेश सचिव हषवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि दुनियाभर में आतंकवादी अपने दुष्प्रचार को फैलाने, नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने, युवाओं की भर्ती करने तथा धन उगाही के लिए साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं.
'नफरत और हिंसा फैलाने के लिए हो रहा साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल'
भारत ने मंगलवार को कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक और सुरक्षा से संबंधित उद्देश्यों को पाने के लिए साइबर क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाह रहे हैं और सीमापार आतंकवाद के आधुनिक प्रारूपों में संलिप्त हैं.
उन्होंने कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक तथा सुरक्षा संबंधी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए साइबर क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं और सीमापार आतंकवाद (cross border terrorism) के समकालीन प्रारूपों में संलिप्त हैं. श्रृंगला ने कहा कि दुनिया भर में स्वास्थ्य तथा ऊर्जा सुविधाओं समेत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संरचनाओं पर हमले के माध्यम से तथा कट्टरता के रास्ते सामाजिक सौहार्द को बाधित करके देश की सुरक्षा के साथ समझौते के लिए साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल होता देखा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की स्थापना के समय से शांति का अर्थ एक ही है, वहीं पिछले कुछ दशकों में संघर्ष की प्रकृति तथा उसके संसाधन आमूल-चूल तरीके से बदल गये हैं. श्रृंगला ने कहा कि आज हम सदस्य देशों के सामने साइबर क्षेत्र से उभरते सुरक्षा खतरों को देख रहे हैं, जिन्हें लंबे समय तक अनदेखा नहीं किया जा सकता.
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उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पीड़ित के रूप में भारत ने हमेशा इस बात पर गौर किया है कि सदस्य देश साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए होने के विषय पर और अधिक रणनीतिक तरीके से ध्यान दें और उससे निपटें.
(पीटीआई-भाषा)