नई दिल्ली: देश में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के तेजी से बढ़ने के मद्देनजर नीति आयोग और कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) किसी भी आपात संकट से निपटने के लिए सरकार की रणनीति का आंकलन करने के लिए आज बैठक करेंगे. सूत्रों ने बताया कि डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में वर्तमान में एक समग्र विश्लेषण किया जाएगा.
बैठक में स्वास्थ्य, रसायन और उर्वरक, नागरिक उड्डयन, गृह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रेलवे, आईसीएमआर मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहेंगे जो वर्तमान स्थितियों पर चर्चा करेंगे. सूत्रों ने कहा, 'बैठक में जरूरत पड़ने पर स्थानीय पाबंदियों पर भी चर्चा होगी और एच3एन2 वायरस के कारण किसी भी आकस्मिक खतरे से निपटने के लिए नया स्वास्थ्य प्रोटोकॉल लाने पर भी चर्चा होगी.' बैठक में अस्पताल के बिस्तर, आईसीयू बिस्तर, ऑक्सीजन सहित अन्य की उपलब्धता सहित देश में वर्तमान स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का भी विश्लेषण होगा.
वहीं बैठक में राज्य सरकार के प्रतिनिधि इसलिए उपस्थित रहेंगे क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए कहा जाएगा. कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) भी वर्तमान स्थिति पर एक बैठक बुलाएगा. एनईजीवीएसी के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और अन्य भी शामिल होंगे.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में H3N3 को वर्तमान श्वसन बीमारी के प्रमुख कारण के रूप में वर्गीकृत किया है. आईसीएमआर के विश्लेषण में कहा गया है कि इन्फ्लूएंजा का यह उपप्रकार अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकार की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है. आईसीएमआर का कहना है कि H3N2 इन्फ्लूएंजा, सांस लेने में तकलीफ और अन्य लक्षणों वाले अस्पताल में भर्ती रोगियों में से 10 प्रतिशत को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और 7 फीसदी लोगों को आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होती है.
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