आगरा:उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की आयोजित ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा में बिहार के गैंग ने सेंध लगाई थी. यूपीएसटीएफ और पुलिस ने दूसरे दिन मंगलवार को भी आगरा में सॉल्वर गैंग के छह सदस्य गिरफ्तार किए. जो आगरा कॉलेज की महिला विंग, विधि संकाय और एमडी जैन में दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने आए थे. एसटीएफ और पुलिस ने जाल बिछाकर उन्हें गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सॉल्वर से पूछताछ में गैंग का सरगना बिहार का दीपू है. इसकी तलाश में एसटीएफ की टीम जुट गई है.
बता दें कि आगरा में यूपीएसएसएससी की आयोजित ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा में सोमवार को चार सॉल्वर पकड़े गए थे. जिन्होंने पूछताछ में बताया कि परीक्षा में बिहार और पूर्वांचल का गैंग सक्रिय था. पांच से सात लाख रुपये में अभ्यर्थियों को पास कराने के ठेके लिए गए. आगरा ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में सॉल्वर भेजे गए हैं.
पहले यहां से धरे गए
यूपी एसटीएफ और पुलिस ने सोमवार को शाहगंज के लीलाशाह इंटर कॉलेज में औरैया के सर्वेंद्र कुमार के स्थान पर प्रयागराज का वीरेंद्र कुमार पकड़ा. पूछताछ में सॉल्वर वीरेंद्र ने बताया कि वो स्नातक पास है. खुद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. उसके पिता को कैंसर और मां भी बीमार है. पैसों की जरूरत है. इसलिए सॉल्वर बन गया. हरीपर्वत थाने के पास स्थित क्वीन विक्टोरिया इंटर कॉलेज में स्टेटिक मजिस्ट्रेट ने बिहार निवासी सूरज कुमार को पकड़ा था. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. पैसों के लालच में वो भी सॉल्वर गैंग के चंगुल में फंस गया. उसे तो महज पांच हजार रुपये देकर परीक्षा देने भेजा गया था. दोनों ने बताया कि बड़ी संख्या में सॉल्वर कई जिलों में भेजे गए हैं. कई के नाम भी बताए. ताजगंज और एत्मादपुर में पकड़े गए सॉल्वरों के तार भी बिहार के गैंग से जुडे़ हैं.
गाड़ी भी छोड़ गया अभ्यर्थी
आगरा कॉलेज महिला विंग में सॉल्वर पकड़ा तो हल्ला मचने से सेंटर के बाहर मौजूद असली अभ्यर्थी अपनी गाड़ी छोड़कर भाग गया. डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि हाथरस निवासी रघुवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है. वो अलीगढ़ के अतरौली निवासी वीरेश कुमार के स्थान पर परीक्षा दे रहा था. वीरेश की गाड़ी की तलाशी ली गई तो 39 हजार रुपये मिले. परीक्षा देने को फर्जी प्रपत्र तैयार किए थे.