झांसीः जिले में सोमवार को सीपरी बाजार में हुए अग्निकांड में पांच लोगों ने अपनी जान गंवा दी. कई लोग बुरी तरह घायल भी हो गए. इस दौरान कई लोगों ने तो छत से कूदकर अपनी जान बचाई. करीब 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आग पर काबू पाया जा सका था. इस हादसे ने पूरे प्रदेश को झंकझोर कर रख दिया. हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ितों और उनके परिजनों को मुवाअजा देने का भी एलान किया था.
अग्निकांड में जान गंवाने वाले छनियापुरा इलाके के आमिर खान (38) के परिजनों से ईटीवी भारत की टीम ने मुलाकात की. इस दौरान पति की मौत का गम उनकी पत्नी के सूख चुके आंसू और मासूम बेटे की छिन चुकी मुस्कुराहट में साफ नजर आ रहा था. आमिर अपने बेटे को उसका भविष्य खुद चुनने के लिए प्रेरित करते थे. जिसके लिए अब पत्नी ने सरकार से उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी की मांग की है, ताकि बेटे के भविष्य के लिए और जीवन यापन के लिए किसी के आगे उन्हें हाथ न फैलाना पड़े.
बॉस ने लगाई थी डांटःआमिर की पत्नी अमरीन खान (24) ने बताया कि आमिर वीआर ट्रेडर्स में अकाउंटेंट के पद पर थे. वह लॉकडाउन के बाद से वहां काम कर रहे थे. आमिर से उनकी आखरी बार बात सोमवार को दोपहर 1 बजे हुई थी. आमिर कुछ परेशान थे. पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सुबह ऑफिस जाने से पहले अपने नए मकान का काम देखने के लिए गए थे, जिसके चलते उन्हें ऑफिस पहुंचने में एक घंटे की देरी हो गई. इस पर बॉस ने उसको डांट दिया और सोमवार को पूरे दिन की लीव लगा दी.
आमिर बेटे को बैंकिग सेक्टर में भेजना चाहता था: आमिर ने उससे कहा था कि वह आगे से कभी भी छुट्टी वाले दिन ऑफिस नहीं जाएगा. ऑफिस वाले उन्हें जब भी छुट्टी के दिन बुलाते थे, तो वह चले जाते थे. तीन घंटे बाद उनको इस हादसे की खबर मिली. अमरीन ने बताया कि बेटे अरीब खान (10) की पढ़ाई को लेकर ज्यादा चिंता करते थे. वह अभी छठवीं क्लास में पढ़ता था. वह बेटे को किसी हॉस्टल में दाखिला दिलाने की सोच रहे थे. आमिर उसे बैंकिंग सेक्टर में भेजना चाहते थे. लेकिन, कभी उस पर यह थोपने का नहीं सोचा.